Russia-Ukraine War News: रूस और यूक्रेन के बीच पिछले ढाई साल से चल रहे युद्ध को लेकर यूक्रेन (Russia-Ukraine War) लगातार शांति समझौते पर जोर दे रहा है। यही वजह है कि यूक्रेन लगातार शांति समझौते पर जोर दे रहा है। इस संदर्भ में, यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत को अगली शांति शिखर बैठक के लिए उपयुक्त स्थान बताया। उनका मानना है कि भारत, जहां हाल ही में पीएम मोदी ने कीव यात्रा की थी, इस वार्ता के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। जेलेंस्की की इस टिप्पणी के बाद, भारत के लिए वैश्विक कूटनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर खुला है।
Read more: Kolkata Doctor Rape Case को लेकर घिरे कपिल सिब्बल, 72 घंटे में माफी मांगें नहीं तो …
रूस-यूक्रेन शांति शिखर सम्मेलन का प्रस्ताव
जेलेंस्की ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से उन्होंने इस विषय पर बात की है कि शांति शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारत में की जा सकती है.जेलेंस्की ने बताया कि, “जहां तक शांति शिखर सम्मेलन का सवाल है, मेरा सचमुच मानना है कि दूसरा शांति शिखर सम्मेलन होना ही चाहिए। अच्छा होगा अगर इसे ग्लोबल साउथ देशों में से किसी एक में आयोजित किया जा सके।” जिस पर पीएम मोदी ने भी भारत का पक्ष रखते हुए कहा कि “लड़ाई सिर्फ बातचीत और कूटनीति के जरिए ही रुक सकती है और भारत शांति कायम करने में अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है। यूक्रेन ने बार-बार कहा है कि वह युद्ध को समाप्त करना चाहता है, लेकिन कीव की शर्तों पर, रूस की शर्तों पर नहीं।”
प्रधानमंत्री मोदी का शांति प्रयास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में यूक्रेन की एक दिवसीय यात्रा की थी, जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात की और शांति की आवश्यकता पर जोर दिया। मोदी ने कहा कि वे चाहते हैं कि रूस और यूक्रेन इस संघर्ष का समाधान बातचीत के माध्यम से निकालें। इस यात्रा से पहले, मोदी ने मास्को का दौरा भी किया था, जिसकी जेलेंस्की ने आलोचना की थी। मोदी ने यह स्पष्ट किया था कि भारत शांति कायम करने में अपनी पूरी जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार है।
भारत की अहम भूमिका
जेलेंस्की के प्रस्ताव को गंभीरता से लिया जा रहा है। अगर भारत में शांति शिखर सम्मेलन होता है और संघर्ष की समाप्ति पर सहमति बनती है, तो इसे भारत की कूटनीतिक सफलता के रूप में देखा जाएगा। भारत इस प्रस्ताव पर अभी विचार कर रहा है और यह भी समझने की कोशिश कर रहा है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इसमें शामिल होने के लिए कितने सहमत होंगे। इस बीच, भारत विभिन्न वैश्विक ताकतों और प्रमुख देशों के साथ इस पहल पर चर्चा कर रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन का महत्व
यूक्रेन शांति के लिए अपनी शर्तों को आगे बढ़ाने और रूस के प्रतिनिधियों को इसमें शामिल करने के लिए इस साल के अंत तक दूसरा अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन कराने पर जोर दे रहा है। जून में स्विट्जरलैंड में हुए पहले शिखर सम्मेलन में रूस सीधे शामिल नहीं हुआ था, जबकि भारत और अन्य शक्तियां इसमें शामिल हुई थीं। अब, देखना यह है कि भारत इस प्रस्ताव पर क्या निर्णय लेता है और रूस को इस पहल में कैसे शामिल किया जा सकता है। इस प्रकार, वैश्विक शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, भारत अपनी कूटनीतिक क्षमता और जिम्मेदारी को साबित करने का अवसर प्राप्त कर रहा है।