Lucknow JPNIC Controversy: जयप्रकाश नारायण (Jayaprakash Narayan) की जयंती के मौके पर लखनऊ (Lucknow) में सियासी माहौल गरमाया हुआ है. समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को उनके आवास पर नजरबंद कर दिया गया और उनके घर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया. इसके साथ ही वहां बैरिकेडिंग भी कर दी गई. सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव को हाउस अरेस्ट किया गया है, ताकि वे जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (JPNIC) में होने वाले कार्यक्रम में शामिल न हो सकें. इस घटना पर सपा के वरिष्ठ नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.
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राम गोपाल यादव की प्रतिक्रिया
इस मामले को लेकर सपा के प्रमुख महासचिव राम गोपाल यादव (Ram Gopal Yadav) ने इस घटनाक्रम की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा, “पिछले साल भी अखिलेश जी को रोका गया था, तब उन्हें दीवार फांदकर जाना पड़ा था. तब भी लोगों ने सवाल उठाए थे कि आखिर माल्यार्पण करने से क्यों रोका जा रहा है. इस बार तो उनके पूरे घर को घेर लिया गया है. यह सरकार की क्षुब्ध मानसिकता को दर्शाता है. जयप्रकाश नारायण जैसे व्यक्तित्व युगों में एक बार पैदा होते हैं और उनका यह अपमान बर्दाश्त से बाहर है.”
आपको बता दे कि राम गोपाल यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि जयप्रकाश नारायण (Jayaprakash Narayan) जैसे महान स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि अर्पित करने से रोकना एक “घटिया हरकत” है. उन्होंने इसे न सिर्फ जयप्रकाश नारायण बल्कि सभी स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करार दिया. “पिछले साल भी यही हुआ था, और इस बार सरकार अपनी विनाशकारी नीतियों के कारण और भी अधिक गलत फैसले ले रही है,”
नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने की आलोचना
उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय (Mata Prasad Pandey) ने भी सरकार की इस कार्रवाई की आलोचना की है. उन्होंने कहा, “जयप्रकाश नारायण आजादी की लड़ाई के बड़े नेता थे और सभी राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा उनका सम्मान किया जाता है. उनकी जयंती पर हम उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हैं. पिछले साल भी अखिलेश यादव को रोका गया था, लेकिन वे किसी तरह वहां पहुंचे और माल्यार्पण किया.”
माता प्रसाद पांडेय (Mata Prasad Pandey) ने सवाल उठाया कि केवल माल्यार्पण करने से सरकार को इतनी आपत्ति क्यों है? “क्या इससे कोई बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा? या फिर सरकार इस संस्थान (JPNIC) में किसी गड़बड़ी को छिपाने की कोशिश कर रही है, जिसे बेचा जा रहा है? और इसलिए ऐसी अलोकतांत्रिक कार्रवाई की जा रही है ताकि अखिलेश यादव वहां न जा सकें,” उन्होंने कहा.
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सियासत और सरकार की मंशा पर सवाल
इस पूरे घटनाक्रम ने उत्तर प्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी है. जयप्रकाश नारायण जैसे महान नेता को सम्मानित करने से रोकने पर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए जा रहे हैं. सपा नेताओं ने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन बताया है और सरकार के इस कदम की निंदा की है. राम गोपाल यादव और माता प्रसाद पांडेय दोनों ने साफ तौर पर कहा कि सरकार जानबूझकर इस तरह की कार्रवाई कर रही है, ताकि जनता के सामने सच्चाई न आ सके.
जयप्रकाश नारायण (Jayaprakash Narayan) की जयंती पर हुए इस विवाद ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश की राजनीति को गरमा दिया है. अखिलेश यादव को नजरबंद करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने से रोकने की इस कार्रवाई ने सरकार के इरादों पर सवाल खड़े कर दिए हैं. सपा नेताओं ने इसे स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान बताते हुए कड़ी आलोचना की है, और इस मुद्दे पर आगे भी संघर्ष जारी रखने का संकेत दिया है.
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