Asaduddin Owaisi News: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) का संसद में ‘जय फिलिस्तीन’ का नारा लगाने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। नवनिर्वाचित सांसदों के शपथ ग्रहण समारोह में उनके इस बयान के बाद, विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल ने उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। 25 जून को हुए शपथ ग्रहण समारोह में, ओवैसी ने लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेते समय ‘जय फिलिस्तीन’ का नारा लगाया। यह बयान संसद में एक विवाद का कारण बना और भाजपा सांसदों ने इसकी कड़ी निंदा की। ओवैसी के इस नारे को संसद की गरिमा के खिलाफ मानते हुए भाजपा सांसदों ने जोरदार हंगामा किया, जिससे संसद की कार्यवाही बाधित हुई।
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वीएचपी और बजरंग दल का विरोध प्रदर्शन
ओवैसी के बयान के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने ओवैसी की आपत्तिजनक तस्वीरें दिखाते हुए नारेबाजी की और कहा, “संसद की मर्यादा तोड़े ऐसे सांसद, नहीं चाहिए, नहीं चाहिए।” प्रदर्शन में शामिल कार्यकर्ताओं ने हाथों में पोस्टर लेकर ओवैसी के बयान का विरोध किया।
दिल्ली पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पहले से ही बैरिकेडिंग लगाई हुई थी। बावजूद इसके, वीएचपी और बजरंग दल के सदस्यों को बैरिकेड्स पर चढ़कर नारेबाजी करते देखा गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश की और उन्हें घटनास्थल से हटाया। कई प्रदर्शनकारी भगवा गमछा लपेटे हुए थे और उनका गुस्सा स्पष्ट रूप से देखा जा सकता था।
संसद में हुआ हंगामा
ओवैसी के नारे के बाद भाजपा सांसदों ने इसे लेकर संसद में तीव्र प्रतिक्रिया दी। भाजपा सांसदों ने इसे संसद की मर्यादा के खिलाफ बताते हुए कहा कि ऐसा व्यवहार स्वीकार्य नहीं है। इसके बाद, ओवैसी के खिलाफ संसद के नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति से शिकायत भी दर्ज की गई है।
वहीं, असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने अपने बयान का बचाव करते हुए कहा कि उनका नारा फिलिस्तीन के समर्थन में था और यह किसी भी धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं था। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से फिलिस्तीन के समर्थन में खड़ा रहा है और उन्होंने इसी का समर्थन किया।
राजनीतिक बहस का मुद्दा
ओवैसी का यह बयान अब एक राजनीतिक बहस का मुद्दा बन गया है। उनके इस नारे को लेकर देशभर में चर्चा हो रही है। जहां कुछ लोग इसे ओवैसी का साहसिक कदम मानते हैं, वहीं अन्य इसे संसद की गरिमा के खिलाफ मानते हैं। इस घटना के बाद ओवैसी एक बार फिर सुर्खियों में हैं और संसद के भीतर और बाहर उनकी भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस प्रकार, ओवैसी का ‘जय फिलिस्तीन’ का नारा एक नई राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया है, जो भारतीय राजनीति में फिलहाल गर्म विषय बना हुआ है।