RSS Chief Mohan Bhagwat: विजयादशमी के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सदस्यों द्वारा हर साल की तरह इस साल भी पथ संचलन का आयोजन किया गया। इस मौके पर RSS चीफ मोहन भागवत मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। पथ संचलन के कार्यक्रम में आए गायक और संगीतकार शंकर महादेवन ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को धन्यवाद देते हुए आभार प्रकट किया।
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संगीतकार शंकर महादेवन ने कहा
गायक और संगीतकार शंकर महादेवन ने कहा कि मैं विजयादशमी के अवसर पर सभी को शुभकामनाएं देना चाहता हूं। मैं बहुत सम्मानित और गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मेरा स्वागत किया गया। मैं आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को धन्यवाद देना चाहता हूं. और संपूर्ण स्वयंसेवक संघ परिवार…मैं इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बहुत उत्साहित हूं।
समारोह रेशिमबाग मैदान में आयोजित किया गया
आपको बता दे कि इस समारोह को नागपुर के रेशिमबाग मैदान में आयोजित किया गया था। बता दे कि आरएसएस के वार्षिक विजयदशमी समारोह में परंपरागत सभा को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने जी-20 शिखर सम्मेलन का उदाहरण देते हुए कहा कि हर साल कई चीजें होती हैं जो हमें गौरवान्वित करती हैं। जिसके बाद भागवत ने कहा कि हमारे नेतृत्व के कारण, आज दुनिया में हमारा एक अद्वितीय स्थान है। भागवत ने कहा कि भारत की विशिष्ट सोच और दृष्टि के कारण ही हमारा वसुधैव कुटुम्बकम् का मार्गदर्शक सिद्धांत अब पूरे विश्व के दर्शन में समाहित हो गया है।
देश की उपलब्धियों का हवाला देते हुए कहा
वहीं भागवत ने देश की उपलब्धियों का हवाला देते हुए कहा कि भारत ने जी-20 के अध्यक्ष के रूप में मेजबान की भूमिका निभाई। लोगों द्वारा दिए गए गर्मजोशी भरे आतिथ्य के अनुभव, भारत के गौरवशाली अतीत, चल रही रोमांचक विकास यात्रा ने सभी देशों के प्रतिभागियों को बहुत प्रभावित किया हैं। जी-20 भारतीयों के आत्मीय आतिथ्य का अनुभव, भारत का गौरवशाली अतीत तथा वर्तमान की उमंगभरी उड़ान सभी देशों के सहभागियों को प्रभावित कर गई।
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मोहन भागवत ने कहा
जिसके बाद मोहन भागवत ने कहा कि चंद्रयान मिशन ने पुनर्जीवित भारत की ताकत, बुद्धिमत्ता और चातुर्य का भी शानदार प्रदर्शन किया। देश के नेतृत्व की इच्छाशक्ति हमारे वैज्ञानिकों के वैज्ञानिक ज्ञान और तकनीकी कौशल के साथ सहज रूप से जुड़ी हुई है। हमारे देश के खिलाड़ियों ने एशियाई खेलों में पहली बार 100 से अधिक- 107 पदक (28 स्वर्ण, 38 रजत तथा 41 कांस्य) जीतकर हम सब का उत्साहवर्धन किया है। उनका हम अभिनन्दन करते हैं।
मणिपुर का जिक्र करते हुए कहा
आपको बता दे कि आरएसएस के चीफ मोहन भागवत ने मणिपुर का जिक्र करते हुए कहा कि वहां की वर्तमान स्थिति को देखते हैं, तो यह बात ध्यान में आती है। लगभग एक दशक से शांत मणिपुर में अचानक यह आपसी फूट की आग कैसे लग गई? क्या हिंसा करने वाले लोगों में सीमापार के अतिवादी भी थे? अपने अस्तित्व के भविष्य के प्रति आशंकित मणिपुरी मैतेयी समाज और कुकी समाज के इस आपसी संघर्ष को सांप्रदायिक रूप देने का प्रयास क्यों और किसके द्वारा हुआ? वर्षों से वहां पर सबकी समदृष्टि से सेवा करने में लगे संघ जैसे संगठन को बिना कारण इसमें घसीटने का प्रयास करने में किसका निहित स्वार्थ है?
इस सीमा क्षेत्र में नागाभूमि व मिजोरम के बीच स्थित मणिपुर में ऐसी अशांति व अस्थिरता का लाभ प्राप्त करने में किन विदेशी सत्ताओं को रुचि हो सकती है? क्या इन घटनाओं की कारण परंपराओं में दक्षिण पूर्व एशिया की भू- राजनीति की भी कोई भूमिका है? देश में मजबूत सरकार के होते हुए भी यह हिंसा किन के बलबूते इतने दिन बेरोकटोक चलती रही है? गत 9 वर्षों से चल रही शान्ति की स्थिति को बरकरार रखना चाहने वाली राज्य सरकार होकर भी यह हिंसा क्यों भड़की और चलती रही? आज की स्थिति में जब संघर्षरत दोनों पक्षों के लोग शांति चाह रहे हैं, उस दिशा में कोई सकारात्मक कदम उठता हुआ दिखते ही कोई हादसा करवा कर, फिर से विद्वेष व हिंसा भड़काने वाली ताकतें कौन सी हैं?