Pune IAS Pooja Khedkar News:महाराष्ट्र की एक महिला IAS इन दिनों खूब चर्चा में हैं।ये अधिकारी पुणे में तैनात ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर हैं। हालांकि, अब पूजा (Trainee IAS Pooja Khedkar ) को महाराष्ट्र के वाशिम में स्थानांतरित कर दिया गया है।इन पर आरोप है कि ये अपने पद का दुरुपयोग कर रहीं थी जिस वजह से पूजा का ट्रांसफर पुणे से वाशिम कर दिया गया है। प्रोबेशन के दौरान इस ट्रेनी अफसर के हजार नखरे थे। प्रोबेशन के दौरान ही उन्होंने वीआईपी नंबर, घर और गाड़ी की डिमांड कर दी, जो उन्हें नहीं मिली, इतना ही नहीं इसके अलावा पूजा ने सेपरेट केबिन और अलग स्टाफ की मांग की थी।
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ऑडी पर लाल-नीली बत्ती-VIP नंबर…
पूजा पुणे में अस्सिटेंट कलेक्टर के रूप में प्रोबेशन पर थी। बताया जाता है कि इन्होंने प्रोबेशन में ही एडिशनल कलेक्टर का ऑफिस कब्जा कर लिया। प्रोबेशन के दौरान पूजा उन चीजों की डिमांड कर रही थीं, जो प्रोबेशन के दौरान उन्हें नहीं मिल सकती थी, इसके अलावा अपने पद का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगा है कि वह लाल-नीली बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट वाली अपनी पर्सनल ऑडी कार का यूज करती थीं।
पूजा ने इस प्राइवेट कार पर ‘महाराष्ट्र शासन’ भी लिखवाया है, इसके अलावा उन्होंने कलेक्टर कार्यालय से वीआईपी नंबर प्लेट वाली कार, आवास व एक कांस्टेबल, कर्मचारियों की मांग की थी जबकि नियमानुसार एक प्रोबेशन अधिकारी को ये सुविधाएं नहीं दी जा सकती है।
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DM की शिकायत पर एक्शन
मीडिया रिपोर्टस में कहा गया है कि डॉ. पूजा खेडकर पुणे में बतौर ट्रेनी आईएएस अधिकारी कार्यरत थीं अभी वह प्रोबेशन पर हैं। इस दौरान वह VIP डिमांड को लेकर चर्चा में आ गईं। डीएम ने उनके खिलाफ मुख्य सचिव से शिकायत कर दी। पुणे के कलेक्टर डॉ. सुहास दिवसे ने इस संबंध में मुख्य सचिव को एक लेटर लिखा था। लेटर में कलेक्टर की ओर से कहा गया है कि तीन जून को ज्वाइन करने से पहले ही पूजा खेडकर की ओर से लगातार अलग केबिन कार और आवास तथा कर्मचारियों की डिमांड की जाने लगी। जिसके बाद शासन की ओर से यह एक्शन लिया गया है।अब डॉ. पूजा खेडकर का तबादला पुणे से वाशिम जिले में असिस्टेंट कलेक्टर के तौर पर कर दिया गया है।
फर्जी सर्टिफिकेट से नौकरी पाने का आरोप
इसके अलावा आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर पर फर्जी सर्टिफिकेट से नौकरी पाने का आरोप है। इन पर आरोप है कि इन्होंने आरक्षण पाने के लिए फर्जी पिछड़ा दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाया था। सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए पूजा ने फर्जी दिव्यांगता और ओबीसी सर्टिफिकेट जमा किए।
दावा किया गया है कि खेडकर ने ओबीसी और दृष्टिबाधित श्रेणियों के तहत सिविल सेवा परीक्षा दी थी।उन्होंने मानसिक बीमारी का प्रमाण पत्र भी जमा किया था।दिव्यांगता प्रमाण पत्र के सत्यापन के लिए उन्हें एम्स दिल्ली जाने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने कोरोना का हवाला देते हुए ऐसा नहीं किया। पूजा के पिता बाबासाहेब आंबेडकर के पोते की पार्टी के नेता हैं।इन्होंने चुनावी हलफनामे में 40 करोड़ रुपये की आय दिखाई थी।