Guru Gobind Singh Jayanti 2025: गुरु गोविंद सिंह जी (Guru Gobind Singh jii) सिख धर्म के महानतम गुरुओं में से एक थे। वह सिखों के 10वें गुरु थे और उनके योगदान ने सिख धर्म को एक नई दिशा दी। गुरु गोविंद सिंह ने न केवल धार्मिक शिक्षा दी, बल्कि समाज में समानता, भाईचारे और न्याय की भावना को प्रोत्साहित किया। उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना कर इसे एक समर्पित और मजबूत समाज के रूप में स्थापित किया, जो आज भी सिख समुदाय के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
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गुरु गोविंद सिंह जी का योगदान

गुरु गोविंद सिंह जी का जीवन साहस, संघर्ष और आत्मबलिदान का प्रतीक था। उनका उद्देश्य था कि समाज में हर एक व्यक्ति को समान अधिकार मिले और वह धार्मिक आस्थाओं और कुरीतियों से ऊपर उठकर सच्चे रास्ते पर चले। गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की, जिससे सिखों को एकजुट किया और उन्हें अपने धर्म और संस्कृति की रक्षा करने के लिए प्रेरित किया।
गुरु गोविंद सिंह जी ने जीवन जीने के लिए पांच सिद्धांतों का उल्लेख किया, जिन्हें “पांच ककार” कहा जाता है। ये पांच ककार हैं:
- केश (बाल) – अपने बालों को बिना काटे रखकर गुरु की शिक्षाओं का सम्मान करना।
- कड़ा (लौह की अंगूठी) – आत्म-नियंत्रण और गुरु के मार्ग का पालन करने के प्रतीक के रूप में इसे पहनना।
- कृपाण (तलवार) – अपने और दूसरों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए हथियार रखना।
- कंघा (सिर की कंघी) – शारीरिक सफाई और अनुशासन का प्रतीक।
- कच्छा (सुरक्षात्मक कपड़ा) – अपनी पवित्रता और ईमानदारी को बनाए रखना।
गुरु गोविंद सिंह जी के अनमोल विचार

गुरु गोविंद सिंह जी ने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण बातें कहीं, जिनसे हमें प्रेरणा मिलती है। उनके विचारों में आत्मबल, साहस और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी गई है। उनके कुछ प्रमुख विचार इस प्रकार हैं:
- “वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरु जी की फतह” – यह नारा गुरु गोविंद सिंह जी द्वारा दिया गया था, जो आज भी सिख समुदाय में गूंजता है। इसका अर्थ है कि खालसा केवल भगवान के लिए है और उनकी विजय हमेशा कायम रहेगी।
- “जीवन में कभी भी डर को जगह मत दो, क्योंकि ईश्वर हमेशा तुम्हारे साथ है” – गुरु गोविंद सिंह जी ने यह संदेश दिया कि हमें अपने लक्ष्य के प्रति निडर रहना चाहिए और किसी भी मुश्किल का सामना साहस के साथ करना चाहिए।
- “सच्चे कार्य में सफलता तभी मिलती है, जब आप ईश्वर के प्रति अपने विश्वास को बनाए रखें” – गुरु गोविंद सिंह जी ने यह भी सिखाया कि किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए ईश्वर पर विश्वास और मेहनत दोनों जरूरी हैं।
- “जब भी किसी पर अत्याचार हो, तो उसकी मदद करो, क्योंकि सच्चे इंसान वही हैं जो दूसरों की मदद करते हैं” – गुरु गोविंद सिंह जी ने समाज में भेदभाव, अत्याचार और असमानता के खिलाफ संघर्ष किया और उन्होंने हमेशा न्याय की ओर कदम बढ़ाया।
गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती और प्रकाश पर्व
गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती (Guru Gobind Singh Jayanti 2025) हर साल पौष महीने की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है, जिसे प्रकाश पर्व के रूप में भी जाना जाता है। इस वर्ष, गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती 6 जनवरी को मनाई जा रही है। नानकशाही कैलेंडर के अनुसार, यह दिन विशेष रूप से सिख समुदाय के लिए महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इसी दिन गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म हुआ था और उन्होंने सिख धर्म को नए दिशा-निर्देश दिए थे।

गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती पर श्रद्धालु गुरुद्वारों में इकट्ठा होकर अरदास करते हैं और उनके जीवन के आदर्शों पर चलने का संकल्प लेते हैं। इस दिन, सिख धर्म के अनुयायी गुरु की शिक्षाओं को याद करते हैं और उनके बताए मार्ग पर चलने का प्रण करते हैं।