Ratan Tata Death: भारत के जाने माने उद्योगपति और टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन, रतन टाटा (Ratan Tata) का 86 वर्ष की आयु में 9 अक्टूबर की रात मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया. वे अपने नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए अस्पताल में भर्ती हुए थे. उनके निधन की खबर मिलते ही देर रात महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) , उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) और उद्योगपति मुकेश अंबानी अस्पताल पहुंचे.
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अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा पार्थिव शरीर
रतन टाटा (Ratan Tata) का पार्थिव शरीर उनके कुलाबा स्थित घर ले जाया गया. इसके बाद सुबह 9:45 बजे उनके पार्थिव शरीर को कुलाबा से नरिमन पॉइंट के एनसीपीए (NCPA) ले जाया जाएगा, जहां उनके अंतिम दर्शन के लिए सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक रखा जाएगा. इसके बाद वर्ली में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. महाराष्ट्र (Maharashtra) सरकार ने रतन टाटा के सम्मान में आज सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दी श्रद्धांजलि
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रतन टाटा (Ratan Tata) के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा, “भारत के रत्न रतन टाटा अब नहीं रहे, यह सभी के लिए बहुत दुखद खबर है. वे महाराष्ट्र का गौरव थे और उन्होंने हजारों लोगों की मदद की. रतन टाटा हमारे देश के कोहिनूर थे. उनका योगदान देश के लिए अविस्मरणीय रहेगा. वे सच्चे देशभक्त और प्रेरणास्त्रोत थे.” एकनाथ शिंदे ने यह भी जानकारी दी कि उनके पार्थिव शरीर को एनसीपीए में सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक आम जनता के दर्शन के लिए रखा जाएगा. इसके साथ ही, महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर ने घोषणा की कि मुंबई में राज्य सरकार के सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं.
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उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दी श्रद्धांजलि
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने भी रतन टाटा (Ratan Tata) के निधन को देश के लिए बड़ी क्षति बताया. उन्होंने कहा, “रतन टाटा केवल एक सफल उद्योगपति नहीं थे, बल्कि उनके सामाजिक योगदान के कारण वे एक महान शख्सियत थे. उन्होंने न केवल सफल उद्योग स्थापित किए, बल्कि एक ब्रांड और ट्रस्ट की स्थापना की जिसने भारत को विश्वस्तरीय पहचान दी। उनका बड़ा दिल और समाज के प्रति उनकी समर्पण भावना अद्वितीय थी.”
रतन टाटा का जीवन परिचय
रतन टाटा (Ratan Tata) का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था. उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा मुंबई के कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल से पूरी की. इसके बाद उन्होंने अमेरिका की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की. रतन टाटा ने कुछ समय तक अमेरिका में काम किया, लेकिन 1962 में उन्होंने टाटा समूह से जुड़ने का फैसला किया.
भारत के उद्योग जगत को नई दिशा दी
1981 में रतन टाटा (Ratan Tata) को टाटा इंडस्ट्रीज का चेयरमैन बनाया गया. इसके बाद, 1991 में जेआरडी टाटा के रिटायरमेंट के बाद, उन्होंने टाटा संस (Tata Sons) के चेयरमैन का पद संभाला. उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने कई अंतरराष्ट्रीय अधिग्रहण किए और वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई. रतन टाटा ने अपने नेतृत्व के जरिए न केवल भारत के उद्योग जगत को नई दिशा दी, बल्कि सामाजिक योगदान में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. रतन टाटा के निधन से न केवल उद्योग जगत बल्कि पूरे देश ने एक महान व्यक्ति खो दिया है.उनका जीवन और योगदान सदैव याद किया जाएगा.
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