Ayodhya: प्रयागराज महाकुंभ के दौरान राममंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि देखी जा रही है। मकर संक्रांति के बाद से रोजाना करीब साढ़े तीन से चार लाख श्रद्धालु रामलला के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। इससे पहले यह संख्या केवल 80 हजार से एक लाख तक होती थी। महाकुंभ की भीड़ के कारण श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हुई है और इसके साथ ही दान में भी जबरदस्त इजाफा हुआ है।
दान में तीन गुना वृद्धि, अब रोजाना 15 लाख रुपये का दान

राममंदिर ट्रस्ट के अनुसार, अब रोजाना 15 लाख रुपये का दान आ रहा है। इसके कारण दान काउंटर की संख्या को छह से बढ़ाकर 32 किया गया है। श्रद्धालुओं के बीच दान के लिए धक्का-मुक्की की स्थिति से बचने के लिए दर्शन मार्ग के सिंहद्वार से गेट नंबर तीन तक कुल 32 दानपात्र लगाए गए हैं। रोजाना की दानराशि की गणना के लिए बैंक और ट्रस्ट के कुल 20 कर्मी तैनात किए गए हैं। भारी भीड़ के कारण प्रसाद के रूप में इलायची देने की व्यवस्था पिछले 15 दिनों से बंद कर दी गई है ताकि श्रद्धालुओं के बीच भगदड़ न हो।
राममंदिर निर्माण में हल्का असर, लेकिन काम जारी

राममंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने मंदिर निर्माण की प्रगति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ के कारण मंदिर निर्माण कार्य थोड़ा प्रभावित हुआ है। हालांकि, शेष निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। मार्ग निर्माण का कार्य रात के समय किया जा रहा है और राममंदिर के शिखर का निर्माण मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद केवल आठ लेयर का काम बाकी रह जाएगा।
शिखर और परकोटा निर्माण में तेजी
डॉ. मिश्र ने बताया कि राममंदिर के शिखर का निर्माण संतोषजनक गति से चल रहा है और इसके निर्माण में कोई बाधा नहीं आई है। परकोटा का निर्माण अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा और यह कार्य जल्द ही अंतिम चरण में पहुंचेगा। सप्तमंडपम के शिखर का निर्माण भी पूरा होने के करीब है और शेषावतार मंदिर का काम भी तेज गति से चल रहा है।
श्रद्धालुओं की संख्या का आंकलन एआई कैमरे और डीएफएमडी से

राममंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या का आंकलन अब एआई कैमरे और डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर (डीएफएमडी) से किया जाता है। मकर संक्रांति से लेकर 26 फरवरी तक, एआई कैमरे और डीएफएमडी के जरिए किए गए आंकलन के अनुसार 1.26 करोड़ श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन किए हैं। अयोध्या में रोजाना 7 से 8 लाख श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं, जिससे अयोध्या, प्रयागराज और काशी का त्रिकोण धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण बन गया है।
अयोध्या का विकास भी श्रद्धालुओं की आस्था का हिस्सा
डॉ. मिश्र ने कहा कि अयोध्या, प्रयागराज और काशी का त्रिकोण धार्मिक दृष्टि से अतुलनीय है। श्रद्धालु अब न केवल दर्शन-पूजन के लिए आते हैं, बल्कि वे अयोध्या के विकास में भी सक्रिय रूप से भागीदार बन रहे हैं, जिससे अयोध्या का विकास और भी तीव्र गति से हो रहा है।
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