Ram Gopal Yadav: आज 18वीं लोकसभा ते चौथे चरण के मतदान हो रहे है. जिसमें 10 राज्यों में 96 सीटों पर वोटिंग हो रही है. इसके लिए चुनाव आयोग ने पहले ही तैयारियां कर ली थी. चौथे चरण में यूपी की 13 सीटों पर मतदान हो रहे है. शाहजहांपुर, खीरी, धौरहरा सीतापुर, मिश्रिख, उन्नाव, फर्रुखाबाद, इटावा, कन्नौज कानपुर,अकबरपुर,बहराईच और हरदोई में आज मतदान हो रहे है. ऐसे में सभी दलों की नजरें यूपी पर टिकी हुई है,क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि दिल्ली की कुर्सी का रास्ता यूपी से ही हो कर जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि यूपी में लोकसभा की सबसे ज्यादा 80 सीटें है. यहीं वजह है कि हर एक दल यूपी की सीटों पर काबिज होने के लिए बेकरार रहता है.
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रामगोपाल यादव ने गड़बड़ी के लगाए आरोप
यूपी में चौथे चरण के मतदान के बीच सियासी बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी जारी है. समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने सरकारी कर्मचारियों के पोस्टल बेलैट वोटिंग में गड़बड़ी का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि अधिकारियों के पास व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए बैलट पेपर पहुंचे और उनके इन पर निशान भी नहीं लगवाए गए. इसकी जांच होनी चाहिए.
पुलिस कर्मियों के मताधिकार की लूट क्यों की गयी है?
रामगोपाल यादव ने लिखा, ‘उत्तर प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों खासकर पुलिस कर्मियों के मताधिकार की लूट क्यों की गयी है? whatsapp groups के माध्यम से फॉर्म भरवाकर अधिकारियों के पास बैलट पेपर पहुंचे, किंतु कर्मचारियों से बैलट पेपर पर टिकमार्क नहीं लगवाये गये. सरकारी कर्मचारियों को आशंका हैं कि उनके वोट को अधिकारियों ने डाल दिया है.
‘सरकारी कर्मचारियों के साथ धोखा हुआ’
इसी कड़ी में उन्होंने आगे कहा, ये आशंका सैकड़ों पुलिसकर्मियों ने मुझे फोन करके और मिलकर जतायी है. इस धोखाधड़ी की जांच हो, दोषी अधिकारी दंडित हों और ये पोस्टल बैलट की प्रक्रिया रद्द करके पारदर्शी प्रक्रिया के द्वारा पुनः करायी जाये. ये तो खुले आम बूथ कैप्चरिंग हुई है. सरकारी कर्मचारियों के साथ धोखा हुआ है.
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‘पुलिसकर्मियों को बैलट पेपर नहीं दिये गये’
सपा सांसद इससे पहले भी इस प्रक्रिया की तुलना बूथ कैप्चरिंग से की और चुनाव आयोग से इस प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की. उन्होंने लिखा, इस बार उत्तरप्रदेश में सरकारी कर्मचारियों विशेषकर पुलिसकर्मियों को बैलट पेपर नहीं दिये गये हैं. online फॉर्म भराकर मतपत्र WhatsApp groups के जरिए अधिकारियों ने मंगा लिए हैं. ऐसा मुझे सैकड़ों पुलिसकर्मियों ने फ़ोन करके बताया है और ये आशंका है कि मतपत्रों पर टिक मार्क अधिकारियों ने मनमाने तरीके से लगा दिये है.
‘इससे बड़ी बूथ कैप्चरिंग कोई हो ही नहीं सकती’
बताते चले कि, राम गोपाल यादव ने कहा, इससे बड़ी बूथ कैप्चरिंग कोई हो ही नहीं सकती है. पोस्टल बैलट को सरकारी कर्मचारियों को बूथ बनाकर वोट करने का मौका दिया जाए और सारी पार्टियों के एजेंट्स की उपस्थित में ऐसा होना चाहिए. पोस्टल बैलट की अभी तक की प्रक्रिया को रद्द किया जाना चाहिए. इस पोस्ट के साथ राम गोपाल यादव ने चुनाव आयोग और अखिलेश यादव समेत राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल को भी टैग किया है.
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