CAA Rules Notification: देश में आम चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने देश में नागरिकता संशोधन कानून को लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी है.लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार का ये एक बड़ा कदम माना जा रहा है.सीएए लागू होने से पाकिस्तान,अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को नागरिकता मिल सकेगी.वहीं केंद्र सरकार द्वारा सीएए लागू होने की अधिसूचना जारी होने के बाद राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है.सीएए नोटिफिकेशन जारी होने पर किसान नेता राकेश टिकैत का बयान सामने आया है.
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‘पाकिस्तान से आकर शरणार्थी बने हुए’
राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार के हिसाब से यह ठीक है और जो लोग यहां पर पाकिस्तान से आकर शरणार्थी बने हुए हैं, उनके लिए सरकार ने कहा है कि जिनके चाल चलन ठीक है, वह अप्लाई कर यहां रह सकते हैं. जो विरोधी गतिविधियों में शामिल न हो उनकी जांच कराकर उन्हें रहने दो, क्योंकि वह शरणार्थी बनकर अभी यहां रह रहे हैं और अगर कोई परमानेंट रहना चाहता है तो उनको रहने दिया जाए।
‘इसमें जाति धर्म को चिन्हित किया गया’
इसके साथ ही राकेश टिकैत का कहना है कि इसमें जाति धर्म को चिन्हित किया गया है. इसलिए कुछ लोग इसका विरोध कर रहे होंगे और बहुत से मुस्लिम समाज के लोग भी यहां से बाहर गए हैं. जिनकी जमीन जायदाद यहीं पर हैं. अगर वह सुरक्षित मानते हैं तो उनको भी रहने दो। राकेश टिकैत की माने तो देखिए जो लोग यहां पर रह रहे हैं, क्योंकि कुछ लोग दिल्ली में भी रह रहे हैं एवं यहां पर भी आए हैं. पाकिस्तान से आकर शरणार्थी हुए हैं.
‘कोई परमानेंट रहना चाहता है तो उनको रहने दो’
सरकार ने कहा है कि जिनका चाल चलन ठीक हो वह यहां पर अप्लाई करके रह सकते हैं, जो विरोधी गतिविधियों में शामिल न हो तो उनकी जांच करके उन्हें रहने दो क्योंकि वह शरणार्थी बनकर अभी रह रहे हैं. लेकिन कोई परमानेंट रहना चाहता है तो उनको रहने दो. अगर सरकार किसी को रहने के लिए देगी तो सरकार को भी तो कुछ चाहिए होगा. सरकार तो अपने हिसाब से काम कर लेगी लेकिन यह है कि जो लोग रह रहे हैं एवं यहां पर पहले भी कुछ लोग आए हैं वह सिसौली, सोरम से भी आये है और दिल्ली नजफगढ़ में भी लोग रह रहे हैं.
उन्होंने कहा कि वहां से हम भाग कर आए हैं और हमें यहां पर रहने की अनुमति मिल जाए तो बहुत लोग रह रहे हैं. उनको अनुमति मिल जाए, सरकार के हिसाब से ठीक है एवं जो लोग वहां रह रहे हैं जिनको दिक्कत है तो उनको आकर रहना चाहिए. कुछ लोग विरोध भी कर रहे होंगे क्योंकि इसमें जाति चिन्हित की गई है. इसलिए लोग इसका विरोध कर रहे होंगे और बहुत लोग मुस्लिम समाज के भी यहां से गए हैं, वहीं उनकी जमीन जायदाद यहां पर है तो वह अगर सुरक्षित मानते हो तो उनको भी दे दो।
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