Loksabha Election 2024: आगामी लोकसभा चुनाव की तारीखों के लिए अब से कुछ ही घंटों बाद ऐलान होना वाला है. इस समय देश में सभी दलों ने अपनी चुनावी तैयारियों को अंतिम रुप देना शुरु कर दिया है. भाजपा अपने 400 पार के लक्ष्य को पार करने के लिए पूरी तरह से कमर कस चुकी है, लेकिन मध्य प्रदेश की राजनीति से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. जिससे भाजपा को एक चुनाव से पहले एक बड़ा झटका लगा है. राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह ने भाजपा का साथ छोड़ दिया है.
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पार्टी की प्राथमिकता सदस्यता से दिया इस्तीफा
राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह ने पार्टी की प्राथमिकता सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है.ऐसा माना जा रहा है कि वे लोकसभा चुनाव के टिकट न मिलने की वजह से नाराज है, जिसके चलते उन्होंने इस्तीफा दिया है. अजय प्रताप सिंह ने अपना इस्तीफा सोशल मीडिया पर शेयर कर किया है. जिसमें उन्होंने लिखा कि मैं भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं. उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को भेजा है.
भाजपा ने उम्मीदवारों की सूची की जारी
दरअसल, भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए मध्यप्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों का नाम घोषित कर दिए है. जिसको लेकर पार्टी में अब थोड़ी दरार देखने को मिल रही है. आज भाजपा के राज्यसभा सदस्य अजय प्रताप सिंह ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा कि उनका पार्टी की कार्यप्रणाली पर से विश्वास उठ गया है. भाजपा की करनी और कथनी में अंतर दिखाई दे रहा है.
इस्तीफे की बताई वजह..
लंबे समय से मैं जिन विषयों को सदन के माध्यम से उठाता रहा हूं, उन विषयों की उपेक्षा हुई है. इसलिए मुझे लगा कि पार्टी के भीतर रहकर यह कार्य संभव नहीं होगा और पार्टी के बाहर आकर विषयों को उठाना होगा. आगे उन्होंने कहा कि मैं व्यक्तिगत राजनीति में विश्वास नहीं करता हूं, लेकिन लोकतंत्र में सभी समाज का प्रतिनिधित्व की भावना में विश्वास रखता हूं. इसलिए सभी संगठनों को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि सभी समाज का प्रतिनिधित्व हो। ताकि सभी समाज की बात और उनकी भावनाएं सामने आ सामने आ सकें.
सीधी से पार्टी ने किसे बनाया उम्मीदवार?
आपको बता दे कि सीधी में भाजपा ने राजेश मिश्रा को प्रत्याशी बनाया है. जिन्होंने बहुजन समाज पार्टी से अपनी राजनीति की शुरुआत की थी. इसके बाद बसपा के ही टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ा. हालांकि वह चुनाव हार गए. इसके बाद मिश्रा ने 2009 में भाजपा की सदस्यता ले ली और पार्टी के लिए काम करते आ रहे है. अब पार्टी ने उनको प्रत्याशी बनाया है. इसको लेकर भाजपा में स्थानीय स्तर पर विरोध है.
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