Rajya Sabha by-election: नौ राज्यों की 12 राज्यसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में सभी उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचित होना तय हो गया है। बुधवार को नामांकन की आखिरी तारीख थी, लेकिन किसी भी राज्य में अतिरिक्त उम्मीदवार ने नामांकन नहीं किया, जिससे सभी प्रत्याशियों का निर्विरोध चुना जाना लगभग निश्चित हो गया है। 27 अगस्त को नाम वापसी की अंतिम तारीख है, और उसी दिन चुनाव आयोग की ओर से इन सभी उम्मीदवारों के निर्वाचित होने की आधिकारिक घोषणा की जाएगी।
एनडीए के लिए उच्च सदन में बहुमत की ओर बढ़ते कदम
इन 12 सीटों में से 11 सीटों पर एनडीए के उम्मीदवारों की जीत लगभग सुनिश्चित है। इसके साथ ही, एनडीए को पहली बार राज्यसभा में बहुमत हासिल हो जाएगा, जो भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। यह बहुमत सरकार के लिए महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने में मददगार होगा और नीति-निर्धारण की प्रक्रिया को तेज करने में सहायक बनेगा।
हरियाणा में कांग्रेस ने नहीं उतारा उम्मीदवार
हरियाणा में राज्यसभा की एक सीट के लिए उपचुनाव हो रहा है। पहले यह उम्मीद की जा रही थी कि कांग्रेस इस सीट के लिए अपना उम्मीदवार मैदान में उतार सकती है। लेकिन, भाजपा ने पहले ही किरण चौधरी को उम्मीदवार घोषित कर दिया था, और पार्टी का नंबर गेम भी भाजपा के पक्ष में था। बुधवार को नामांकन के आखिरी दिन कांग्रेस ने हरियाणा से कोई उम्मीदवार नहीं उतारा, जिससे किरण चौधरी का निर्विरोध निर्वाचित होना तय हो गया है।
अन्य राज्यों में भी निर्विरोध चुनाव तय
बुधवार को बिहार, असम और महाराष्ट्र से एनडीए के दो-दो उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया, जबकि हरियाणा, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, त्रिपुरा और राजस्थान से एक-एक प्रत्याशी ने पर्चा भरा। नामांकन प्रक्रिया के बाद आज सभी प्रत्याशियों के नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। 27 अगस्त को नाम वापसी की आखिरी तारीख है और इसी दिन सभी निर्वाचित उम्मीदवारों की घोषणा कर दी जाएगी।
Read more: UPSC Lateral Entry: भाजपा के बदले हुए सियासी समीकरण, वक्फ बिल के बाद लेटरल एंट्री भी ठंडे बस्ते में
राज्यसभा में सीटों की वर्तमान स्थिति
मौजूदा समय में राज्यसभा की कुल 20 सीटें खाली हैं। इन 12 सीटों पर उपचुनाव के बाद उच्च सदन के सदस्यों की कुल संख्या 237 हो जाएगी। जम्मू-कश्मीर की चार सीटें विधानसभा चुनाव न होने के कारण खाली हैं, जबकि इतनी ही सीटों पर सदस्यों का मनोनयन नहीं हुआ है। 27 अगस्त को नतीजे घोषित होने के बाद, भाजपा के सदस्यों की संख्या 87 से बढ़कर 97 (मनोनीत और निर्दलीय सदस्यों को मिलाकर 104) हो जाएगी, जबकि एनडीए की कुल संख्या 119 तक पहुंच जाएगी।
प्रत्याशियों का निर्विरोध चुना जाना तय
कांग्रेस के प्रमुख उम्मीदवार और प्रसिद्ध वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने तेलंगाना से नामांकन दाखिल किया है। पिछली बार सिंघवी को हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। अन्य प्रमुख उम्मीदवारों में किरण चौधरी (हरियाणा), रवनीत सिंह बिट्टू (राजस्थान), जॉर्ज कुरियन (मध्य प्रदेश), मनन कुमार मिश्र और उपेंद्र कुशवाहा (बिहार), नितिन पटेल और धैर्यशील पाटिल (महाराष्ट्र), रामेश्वर तेली और मिशन रंजन दास (असम) और ममता मोहंता (ओडिशा) शामिल हैं। इन सभी राज्यों में कोई अतिरिक्त उम्मीदवार नामांकन दाखिल नहीं कर पाया, जिससे इनका निर्विरोध चुना जाना तय हो गया है।
कांग्रेस को लगेगा झटका, भाजपा को होगा फायदा
राज्यसभा उपचुनाव में कांग्रेस को इस बार नुकसान उठाना पड़ेगा। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल की राजस्थान से सीट अब भाजपा के रवनीत सिंह बिट्टू के पास जाएगी। इसी तरह, हरियाणा में दीपेंद्र हुड्डा की सीट, जो उन्होंने लोकसभा चुनाव जीतने के बाद खाली की थी, अब भाजपा की किरण चौधरी के पास जाने वाली है। बिहार में भी राजद की मीसा भारती ने लोकसभा चुनाव जीतने के बाद राज्यसभा से इस्तीफा दिया था, और अब इस सीट पर भी भाजपा का कब्जा होना तय है। इस प्रकार, राज्यसभा उपचुनाव में जहां कांग्रेस को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा, वहीं भाजपा और एनडीए को इसका सीधा फायदा मिलेगा। एनडीए को राज्यसभा में बहुमत मिलते ही कई महत्वपूर्ण विधेयकों को आसानी से पारित करने में मदद मिलेगी, जिससे सरकार के लिए नीतियों को लागू करना और भी आसान हो जाएगा।