Rajasthan News: राजस्थान (Rajasthan) की भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma) सरकार ने नौ जिलों और तीन संभागों को निरस्त करने का फैसला लिया है। यह निर्णय भजनलाल शर्मा की कैबिनेट बैठक में लिया गया। अब राज्य में कुल 41 जिले और सात संभाग रहेंगे। राज्य सरकार ने दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़ और सांचौर जिलों को समाप्त करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा पाली, सीकर और बांसवाड़ा संभागों को भी निरस्त कर दिया गया है।
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कांग्रेस ने कड़ा विरोध जताया

बताते चले कि, राजस्थान में भजनलाल सरकार (Bhajan Lal government) द्वारा नौ जिलों को रद्द करने के फैसले को लेकर कांग्रेस ने कड़ा विरोध जताया है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के अन्य नेताओं ने इसे एक ‘अदूरदर्शी’ और ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ का उदाहरण करार दिया है। उनका कहना है कि भाजपा सरकार ने जानबूझकर उन जिलों को रद्द किया है, जो पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत के कार्यकाल के दौरान बनाए गए थे।
अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट

अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर ट्वीट करते हुए कहा, “हमारी सरकार द्वारा बनाए गए नए जिलों में से 9 जिलों को निरस्त करने का भाजपा सरकार का निर्णय अविवेकशीलता और केवल राजनीतिक प्रतिशोध का उदाहरण है।” उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने प्रशासनिक सुधारों के तहत इन जिलों का गठन किया था, जिससे राजस्थान को बेहतर प्रशासनिक ढांचा मिला था।
कांग्रेस का आरोप: राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है यह फैसला
अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा कि उनकी सरकार ने वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी रामलुभाया की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य राजस्थान के जिलों का पुनर्गठन करना था। इसके बाद इस समिति के सुझावों के आधार पर जिलों का पुनर्गठन किया गया। अशोक गहलोत ने बताया कि उनके शासन में इन जिलों को केवल घोषित नहीं किया गया, बल्कि इन जिलों में कलेक्टर, एसपी जैसे प्रमुख प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति भी की गई थी, और हर जिले को बजट भी आवंटित किया गया था।
अब, भजनलाल सरकार के इस कदम के बाद कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि यह केवल राजनीतिक प्रतिशोध है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाजपा सरकार अपने विरोधी गहलोत सरकार के फैसले को पलटने के लिए इस कदम को उठा रही है।
कांग्रेस ने आंदोलन की दी धमकी

आपको बता दे कि, कांग्रेस ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा सरकार पर निशाना साधा और कहा कि वे एक जनवरी से इस फैसले के खिलाफ आंदोलन शुरू करेंगे। डोटासरा ने कहा कि भजनलाल सरकार का यह फैसला जनविरोधी है और पार्टी इसके खिलाफ सड़क पर उतरकर विरोध करेगी। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर जरूरत पड़ी तो कांग्रेस कोर्ट का रुख भी करेगी।
टीकाराम जूली ने इस फैसले पर क्या कहा ?

टीकाराम जूली ने इस फैसले को राजस्थान (Rajasthan) के लोगों के खिलाफ बताया और कहा, “कांग्रेस इसके खिलाफ जोरदार विरोध करेगी। यह निर्णय जनभावनाओं के खिलाफ है।” उन्होंने यह भी कहा कि डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा को भी अपने गृह जिले को बचाने में सफलता नहीं मिली, जो इस फैसले का हिस्सा बने हैं. कांग्रेस के नेताओं ने इस फैसले को लेकर अपनी पूरी ताकत से भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का संकेत दिया है। अब देखना यह होगा कि इस मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक संघर्ष कितने बड़े रूप में सामने आता है और राजस्थान के नागरिक इस विवाद को किस तरह से देखते हैं।
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