Uttarakhand: देश के विभिन्न हिस्सों में भीषण गर्मी के बीच मॉनसून अब पूरी तरह से सक्रिय हो गया है.उत्तराखंड (Uttarakhand) के अलग-अलग जिलों में बारिश इन दिनों आफत बनकर बरस रही है.मौसम विभाग ने राज्य के 7 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.पहाड़ों पर हो रही जबरदस्त बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है.मौसम विभाग ने कई जिलों में आकाशीय बिजली गिरने की भी संभावना जताई है.मौसम विभाग ने भारी बारिश को लेकर जिन 7 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है उनमें टिहरी,हरिद्वार,देहरादून,नैनीताल,पौड़ी,ऊधमसिंह नगर और चंपावत हैं।
Read More: Max Hospital में रीढ़ की समस्या से जूझ रही मथुरा की 39 वर्षीय महिला का किया गया सफल इलाज
उत्तराखंड में आफत बनी भीषण बारिश
उत्तराखंड (Uttarakhand) के अलग-अलग राज्यों में भीषण बारिश के कारण लैंडस्लाइड की घटनाएं बढ़ रही हैं इसको लेकर प्रशासन ने कई सड़कों को पूरी तरह से बंद कर दिया है.इस दौरान मौसम विभाग ने चारधाम की यात्रा के लिए आने वाले यात्रियों को लेकर अधिक सतर्कता बरतने की बात कही है.मौसम विभाग ने अल्मोड़ा,उत्तरकाशी,चमोली,पिथौरागढ़,रुद्रप्रयाग और बागेश्वर में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है.इन सभी जिलों में मौसम विभाग ने तेज बारिश होने की संभावना जताई है।
Read More: कांग्रेस सांसद Rahul Gandhi को बॉम्बे HC से बड़ी राहत,जानिए क्या था मामला ?
जोशीमठ-बद्रीनाथ हाईवे को किया बंद
गौरतलब है कि,उत्तराखंड (Uttarakhand) में भारी बारिश के चलते कई जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं.पिछले दिनों चमोली में भी पलक झपकते पहाड़ दरक गया जिससे लोगों में खौफ पैदा हो गया.पहाड़ दरकने से सारा मलबा सड़क पर बिखर गया जिसके कारण जोशीमठ-बद्रीनाथ हाइवे को तत्काल बंद कर दिया गया लेकिन राहत भरी बात यही रही कि,हादसे में किसी की जान-माल का नुकसान नहीं हुआ.भूस्खलन के कारण नेशनल हाइवे 7 जोशीमठ-बद्रीनाथ को बंद कर दिया गया है.सड़क को बंद करने से राहगीरों को काफी सारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है।
Read More: सांप के हमले से बच रहे विकास द्विवेदी केस की विशेष कमेटी करेगी जांच
हल्द्वानी में दिखा तबाही का मंजर
उत्तराखंड (Uttarakhand) में हल्द्वानी जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ है 29 सालों के इतिहास में हल्द्वानी ने बर्बादी का ऐसा मंजर कभी नहीं देखा था.हल्द्वानी का कलसिया नाला पहली बार इतने उफान पर आया.भारी बारिश के बाद नाले में आए उफान को लेकर ग्रामीणों ने बताया कि,किसी की जनहानि नहीं हुई 1995 में कलसिया नाला इतना उफान पर आया इसके बाद आज तक कभी इतना नुकसान नहीं हुआ.ग्रामीणों ने बताया कि,नाला उफान पर आया तो गंदा पानी उनके घरों में भर गया.आनन-फानन में लोग बच्चों को लेकर छतों पर चढ़ गए.गंदे पानी की वजह से घर का सारा सामान खराब हो गया फर्नीचर और कपड़े भी खराब हो गए.इस बीच बारिश के कारण बिजली भी कट गी जिससे लोगों को एकसाथ कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ा।
Read More: Lakhimpur Kheri: बाढ़ का कहर,कंधे पर बहन के शव को लेकर 5 किमी पैदल चला भाई