भारत के सिवा अन्य देश में भी कई तरह के रहस्य है हमने इस बारे बताया जहां कही गांव खाली पड़ा, किसी हवेली में जाना मना किसी हवेली में भूत मिठाई खाते कोई महल जल में तो किसी महल से रोने की आवाजें आती है…इस तरह से रहस्य के बार में तो हमने बहुत बताया लेकिन आज हम आपको जो बताने जा रहे है. उसमें किसी का कहना है कि यह साइंटफिक घटना तो किसी का कहना है कि यहां कोई भूत है.
भारत की एक अजीबो गरीब घाटी

आपको बता दे, घाटी में पहुंचते ही अचानक बदल जाता है समय, तारीख, और सिर्फ फोन का ही नहीं आपके हांथ में जो घड़ी य फिर समय तारीख दिखाने वाली किसी भी वस्तु में अचानक बदलाव होने लगते है. वहीं कोई कहता है कि गुरत्वाकर्षण के कारण होता है. तो किसी का कहना है कि कोई अंजान शक्ति के कारण होता है. स्थानीय लोगों का और जो भी यहां घूमने आता है उनका कहना है कि यहां आते ही मोबाइल में समय दो साल आगे बढ़ जाता है.
दूसरे शब्दों में अगर हम कहें तो अगर आप यहां साल 2025 में जाते हैं. तो आपके फोन पर 2025 के बजाय वर्ष 2027 दिखने लगेगा. जिसके देखने के बाद..लोग दंग रह जाते है. मतलब आपको लगेगा कि आप दो साल आगे पहुंच गए है. इसके अलावा मोबाइल डिवाइस की घड़ी एक अलग समय दिखाना शुरू कर देगी है. यहां पहुंचते ही मोबाइल के वॉट्सऐप पर डेट सेटिंग का मैसेज आने लगता है.
मां काली और बजरंग बली विराजमान
इस घाटी में एक खास बात और भी है कि यहां सिवाय मंदिर के आपको औऱ कुछ दिखेगा नहीं और इस मंदिर में मां काली और बजरंग बली की मूर्ति विराजमान है. लेकिन आप सोच रहे होगें कि आखिर जब बजरंग बली की मूर्ति और मां काली की मूर्ति है तो भी यहां भूत प्रेत कैसे हो सकता है. यहां जो आता है वो मंदिर में भगवान की पूजा करता है और स्थानीय लोग तो अक्सर यहां रूक कर पूजा अर्चना करते है.
झारखंड राज्य कहाँ है स्थित ये घाटी?

झारखंड राज्य में यह घाटी स्थित है. तैमारा घाटी तक पहुंचने के लिए आपको रांची जमशेदपुर हाईवे NH-33 पर सफर करना होगा. यह स्थान रांची की राजधानी से करीब 30 किलोमीटर दूर है. आप चार लेन वाली सड़क के दोनों ओर पहाड़ और घाटियां देख सकते हैं. बरसात के मौसम में आप यहां बादलों को नजदीक से देखा जा सकता हैं. स्थानीय ग्रमीणों के मुताबिक बार-बार समय क्षेत्र बदलने के कारण इंटरनेट का उपयोग करना भी मुश्किल है. बस केवल कॉल की जा सकती हैं. ग्रामीणों का यह भी कहना है कि उन्होंने कहा कि घाटी स्थित सड़क पर सफेद कपड़े पहने एक महिला को घूमते हुए भी देखा है. महिला को बचाने के लिए कभी-कभी तो आपस में वाहन भी टकरा जाते है. सड़क पर अक्सर क्षतिग्रस्त कारें देखी जा सकती हैं. दुर्घटनाओं को रोकने के लिए हाल ही में इस सड़क पर एक मंदिर का निर्माण किया गया था.
अब इस कहानी में कितनी सच्चाई है ये कोई नहीं जानता, लेकिन इस स्थिति के लिए कर्क रेखा जो इस क्षेत्र को पार करती है. को दोषी ठहराया जाता है. दूसरों ने प्रस्तावित किया कि गड़बड़ी क्षेत्र के शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र और विकिरण के कारण हो सकती है.इस घाटी से संबंधित कई बातें कही जा रही है. जिन पर शायद भरोसा करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है. तैमारा घाटी के बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां आने वाले पर्यटक बताते है कि यहां पर जब कार चलती है तो वो आगे की ओर नहीं बल्कि पीछे की ओर खींच रहा कोई और यह अक्सर होता रहता है. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि यहां सालों पहले जब किसी की मृत्यु हो जाती थी. तो यहां मृत शवों को और कभी-कभी तो जीवत लोगों को मार के यहां दफना दिया जाता था. इसी प्रकार के कई अनसुलझे रहस्य जिनके बारे में हर समय कोई न कोई नई कहानी स्थानीय लोगों के द्वारा बताई जा रही है.

व्याख्याता डॉ नीतीश प्रियदर्शी से मिली जानकारी
रांची विश्वविद्यालय के भूगर्भ विभाग के व्याख्याता डॉ नीतीश प्रियदर्शी का कहना है कि उन्हें भी इस तरह की विचित्र घटना की जानकारी मिली है। उन्होंने बताया कि एक दिन उनके एक मित्र ने ऐसी ही एक घटना की जानकारी देते हुए बताया कि रांची-टाटा रोड में रामपुर से बुंडू रोड में उनको एक फोन आया, वे कार चला रहे थे , इसलिए फोन नहीं उठा पाये, ये घटना 11 जनवरी 2022 की है, जब दोबारा फोन करने के लिए फोन को ऑन किया, तो तारीख देख कर चौंक गये, उसमें तारीख था अगस्त 27, 2023 और समय 3.45 शाम का। यानी डेढ़ साल के आगे के समय से ये फोन आया। इस तरह की कई घटनाएं उनके विभिन्न मित्रों के साथ भी हुई.