NEET Paper Leak Case:संसद में NEET परीक्षा के पेपर लीक को लेकर आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने मोदी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि लाखों NEET अभ्यर्थी अनियमितताओं के कारण दुखी हैं और इसके परिणामस्वरूप देश को ‘मुन्ना भाई MBBS’ जैसे अयोग्य डॉक्टर मिल सकते हैं।
उन्होंने सरकार से NEET पेपर लीक की जांच करने की मांग की और दंडित करने की भी गुहार लगाई।”यह बयान राज्यसभा में दिया गया था, जिसमें राघव चड्ढा ने NEET परीक्षा में हुई गड़बड़ियों के खिलाफ सरकार की सख्त कार्रवाई की मांग की और छात्रों की सुरक्षा की भी बात की।
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“अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे छात्र”
राघव चड्ढा ने आगे कहा,”बिगड़ती शिक्षा व्यवस्था का संकट हमारे देश को प्रभावित कर रहा है। यह व्यवस्था कभी हमारे देश का गौरव हुआ करती थी, लेकिन आज यह एक युद्ध का मैदान बन गई है, जहां हमारे बच्चे ज्ञान या अधिकार के लिए नहीं, बल्कि अपना अस्तित्व बचाने के लिए लड़ रहे हैं।
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“प्रतिस्पर्धा के दबाव में दबते जा रहे छात्र”
आप सांसद ने कहा कि बहुत कम उम्र से ही हमारे छात्रों को कभी न खत्म होने वाली दौड़ में धकेल दिया जाता है और कुछ नया सीखने की इच्छा एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा करने के दबाव से नीचे दब जाती है, क्योंकि बच्चों में सीखने की जिज्ञासा को फलने-फूलने देने की जगह हमारी शिक्षा प्रणाली उन्हें ये सिखा रही है कि उनकी योग्यता सिर्फ उनके द्वारा प्राप्त नंबरों, ग्रेड्स या रैंकों से ही मापी जाएगी।
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सुप्रीम कोर्ट ने क्या-क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में एनटीए को कई दिशा निर्देश दिए जिसमें कहा गया कि एनटीए एग्जाम देने वाले कैंडिडेट की पहचान सुनिश्चित करने के उपाय करे. इसके अलावा परीक्षा का पेपर लीक न हो, इसलिए पेपर स्टोरेज के लिए SOP तैयार करना होगा।
कोर्ट ने कहा कि NTA को आगे के लिए ध्यान रखना चाहिए कि इस तरह की लापरवाही न हो। उसे इससे बचना चाहिए. हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा कि हमारा निष्कर्ष है कि पेपर लीक सिस्टमेटिक नहीं है. पेपर लीक व्यापक स्तर पर नहीं हुआ है इसलिए हम NEET की दोबारा परीक्षा की मांग को खारिज कर रहे हैं । कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि अगर किसी की शिकायत का निवारण SC के फैसले से न हुआ हो, तो वो HC जा सकता है।