Happy Birthday PV Sindhu: पुसरला वेंकट सिंधु , जिन्हें दुनिया पीवी सिंधु के नाम से जानती है, भारत में सबसे हुनहार बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक हैं। सिंधु रियो ओलंपिक 2016 ( Rio Olympics 2016) में रजत पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय शटलर है (Olympic Silver medalist Indian Shutter)और 2019 में विश्व चैंपियनशिप (World Championship)में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी थी।
आज हमारे देश में पुरूष और महिला एक सामान हर फिल्ड में नजर आ रहे है फिर चाहे वो खेल हो, घर को पारंगत करने का मामला हो, देश चलाने का मामला हो, ऊंचे पर्वत की चोटी छूने में भी आगे हैं देश कि बेटियां और आकाश में भी उड़ान भरने में आगे रही है देश की बेटियां ऐसी ही एक देश की बेटी के बारे में हम आपको बताएंगे जो खेल के माध्यम से मात्र देश में ही नहीं विदेश में भी अपना परचम लहराई हैं।
आपको बता दें कि आज भारत की शान और डबल ओलिंपिक मेडलिस्ट पीवी सिंधु का आज जन्मदिन है। 5 जुलाई 1995 को हैदराबाद में जन्मीं सिंधु रियो ओलिंपिक की ‘सिल्वर गर्ल’ और टोक्यो ओलिंपिक का ‘ब्रॉन्ज मेडल’ गर्ल हैं और साथ ही वो ‘वर्ल्ड चैंपियन’ का भी खिताब अपने नाम हासिल कर चुकी हैं। आज हम आपको पीवी सिंधु के बारे सब कुछ बताएंगे कि पीवी सिंधु की शिक्षा, करियर, परिचय, उपलब्धियां और बाकी सबकुछ।
पीवी सिंधु का परिचय
पीवी सिंधु का पूरा नाम पुसरला वेंकट सिंधु है। पीवी सिंधु का जन्म एक सामान्य परिवार में 5 जुलाई, 1995 में आंध्र प्रदेश के हैदराबाद में हुआ था। लेकिन इनके घर का माहौल साधारण होते हुए भी असाधारण था। सिंधु के पिता पीवी रमन्ना और मां पी विजया दोनों ही राष्ट्रीय स्तर के बॉलीबॉल खिलाड़ी थे। पीवी सिंधु के पिता ने सन् 1986 के सियोल एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था। सिंधु की मां पी विजया भी प्रोफेशनल बॉलीबॉल खिलाड़ी थीं। यही कारण था कि बचपन से ही खेल के प्रति सिंधु का जुड़ाव रहा। सिंधु की एक बहन भी हैं, जिनका नाम पीवी दिव्या है।
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पीवी सिंधु की शिक्षा
पीवी सिंधु ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा औक्सिलियम हाई स्कूल से पूरी की। आगे की पढ़ाई के लिए पीवी सिंधु ने ने सेंट एंस कॉलेज फॉर वुमेन, मेह्दीपटनम से एमबीए की पढ़ाई की।
सिंधु का सपना था बैडमिंटन खेलना
‘तू मेरे साथ-साथ आसमां के आगे चल…’ ऐसे ही गीतों को गाते हुए अपने पिता की उंगली पकड़कर बैडमिंटन अकादमी जाती थीं तब किसी को अंदाजा भी नही था कि ये छोटी सी लड़की एक दिन इतिहास रचेगी और विश्वपटल पर भारत का सीना गर्व से चौड़ा कर देगी। सिंधु ने आठ साल की उम्र से बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था। पीवी, पुलेला गोपीचंद की सफलता से प्रभावित थीं। पुलेला गोपीचंद ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियन थे।
पीवी सिंधु का करियर
पीवी सिंधु ने अखिल भारतीय रैंकिंग चैम्पियनशिप और सब-जूनियर नेशनल जैसे जूनियर बैडमिंटन खिताब जीते। इसके बाद वह अंतरराष्ट्रीय लेवल की खिलाड़ी बन गईं। साल 2009 में सिंधु ने सब-जूनियर एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। वहीं एक साल बाद ईरान में अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन चैलेंज में एकल रजत जीता। ये पीवी सिंधु की लगन और मेहनत का नतीजा ही था कि साल 2012 एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में उन्होंने एक बार फिर जीत हासिल की। जिस मंच पर एक साल पहले सिंधु ने कांस्य पदक जीता था, वहीं अब उन्होंने अपना पहला स्वर्ण हासिल किया था।
सिंधु की उपलब्धियाँ
लेकिन लॉकडाउन के बाद हुए टोक्यो ओलंपिक 2020 में सिंधु ने कांस्य पदक हासिल किया। इस तरह सिंधु लगातार दो ओलंपिक में पदक जीतने वाली एकमात्र महिला खिलाड़ी का खिताब हासिल कर चुकी है। सिंधु 2018 राष्ट्रमंडल खेलों के उद्घाटन समारोह में भारत की ध्वजवाहक भी रह चुकी हैं। P.V sindu खेल के साथ साथ कई ओर जगह भी नौकरी करती है। यह सब पीवी सिंधु की उपलब्धियाँ है।
सिंधु भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL)के हैदराबाद कार्यालय में सहायक खेल प्रबंधक के रूप में साल 2013 जुलाई से कार्यरत थीं। टोक्यो ओलंपिक में पदक हासिल करने के बाद बीपीसीएल ने उप खेल प्रबंधक के तौर पर उनका प्रमोशन कर दिया। इसके अलावा सिंधु को ब्रिजस्टोन इंडिया का पहला ब्रांड एंबेसडर भी नियुक्त किया गया था। हाल ही में पीवी सिंधु घरेलू प्रीमियर बैडमिंटन लीग में हैदराबाद हंटर्स की कप्तान हैं।
पीवी सिंधु को किया गया सम्मानित
पीवी सिंधु को साल 2020 में भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार- पद्म भूषण से सम्मानित किया जा चुका है। इसके पहले साल 2015 में सिंधु को पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। इन्हें राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड भी मिल चुका है। साल 2013 में पीवी सिंधु को अर्जुन अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था।