Vinesh Phogat: भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) का ओलंपिक में महिला 50 किलो फ्रीस्टाइल कुश्ती के फाइनल से पहले डिस्क्वालिफिकेशन, 100 ग्राम अधिक वजन के कारण, चर्चा का विषय बना हुआ है. इस मामले में भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने साफ किया कि एथलीट के वजन प्रबंधन की जिम्मेदारी पूरी तरह से एथलीट और उसके कोच की होती है, न कि आईओए की मेडिकल टीम की.
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मेडिकल टीम पर दोषारोपण अनुचित
बताते चले कि विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) के डिस्क्वालिफिकेशन के बाद सोशल मीडिया पर कई लोगों ने आईओए की मेडिकल टीम, विशेषकर डॉ. दिनशॉ पारदीवाला और उनकी टीम, पर लापरवाही का आरोप लगाया था. इस पर पीटी उषा ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “कुश्ती, वेटलिफ्टिंग, बॉक्सिंग, जूडो जैसे खेलों में वजन प्रबंधन की जिम्मेदारी एथलीट और उसके कोच की होती है. आईओए की मेडिकल टीम, खासकर डॉ. पारदीवाला के प्रति घृणा अस्वीकार्य है. किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सभी तथ्यों पर विचार करना आवश्यक है.”
पेरिस ओलिंपिक और एथलीट्स की सहायता टीम
इसी कड़ी में पीटी उषा (PT Usha) ने आगे बताया कि पेरिस ओलंपिक में हर भारतीय एथलीट के पास अपनी सहायता टीम थी, जो उनकी तैयारी और वजन प्रबंधन में सहयोग कर रही थी. आईओए ने प्रतियोगिता के दौरान और बाद में एथलीट्स की रिकवरी और चोट प्रबंधन के लिए एक मेडिकल टीम भी नियुक्त की थी. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह टीम उन एथलीट्स की मदद के लिए भी बनाई गई थी, जिनके पास न्यूट्रिशनिस्ट और फिजियोथेरेपिस्ट नहीं थे.
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विनेश फोगाट का संयुक्त रजत पदक की मांग
विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) के फाइनल से बाहर होने के बाद, उन्होंने खेल पंचाट से संयुक्त रजत पदक देने की अपील की थी. उनकी जगह फाइनल में क्यूबा की पहलवान युस्नेलिस गुजमान लोपेज को उतारा गया था, जो सेमीफाइनल में विनेश से हार गई थी. विनेश ने तर्क दिया कि मंगलवार को उनके मुकाबलों के दौरान उनका वजन निर्धारित सीमा के अंदर था और इसलिए वह संयुक्त रजत पदक की हकदार हैं.
सभी की नजरें फैसले पर टिकी…
विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) के डिस्क्वालिफिकेशन के इस मामले ने भारतीय खेल समुदाय में व्यापक बहस छेड़ दी है. पीटी उषा का बयान इस दिशा में महत्वपूर्ण है, क्योंकि उन्होंने एथलीट्स और कोचों की जिम्मेदारी को स्पष्ट किया है. इसके साथ ही, उन्होंने आईओए की मेडिकल टीम की भूमिका और उसके प्रति फैलाई जा रही घृणा के खिलाफ भी आवाज उठाई है. अब सभी की नजरें 13 अगस्त को आने वाले फैसले पर टिकी हैं, जो इस मामले में अंतिम रूप से क्या निष्कर्ष निकलेगा, यह तय करेगा.
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