Karnataka news: कर्नाटक के मंगलुरु में मिलाद-उन-नबी से जुड़ी एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर हिंदू संगठनों ने अपना विरोध जताया है। मंगलुरु में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल से जुड़े सदस्यों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया है। मंगलुरु में हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान मस्जिद पर पथराव का मामला भी सामने आया है इस मामले में पुलिस ने हिंदू संगठन के 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
मिलाद-उन-नबी के मौके पर मंगलुरु में तनाव
जानकारी के मुताबिक यह घटना मंगलुरु के कटिपल्ला 3 ब्लॉक की बद्रिया मस्जिद पर हुई है। जहां मस्जिद पर पथराव करने के लिए शख्स बाइक पर सवार होकर आए थे। पथराव से मस्जिद की खिड़कियों के शीशे टूट गए जिसके बाद मुस्लिम समुदाय ने इसका विरोध जताया है। पुलिस का कहना है कि,मामले में आरोपी 2 बाइक पर सवार होकर आए थे।
हिंदूवादी संगठनों ने जताया विरोध प्रदर्शन
विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं से पुलिस की झड़प हो गई प्रदर्शन करते हुए विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों ने पुलिस द्वारा लगाए बैरिकेड्स को तोड़ दिए। सोशल मीडिया पर मिलाद-उन-नबी को लेकर की गई एक पोस्ट के बाद मंगलुरु के कटिपल्ला में रात को लोग एकत्र हुए जिसकी जानकारी मिलने पर इलाके में पुलिस की तैनाती की गई कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। इसके बावजूद रात करीब साढ़े 10 बजे 2 बाइक पर सवार होकर 4 युवक आए और मस्जिद पर पथराव करके फरार हो गए।
विश्व हिंदू परिषद के 5 सदस्य गिरफ्तार
इस पूरी घटना को लेकर मंगलुरु पुलिस कमिश्नर का कहना है कि,मामले में विश्व हिंदू परिषद के 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आगे की जांच भी जारी है मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए इलाके में पुलिस बल को तैनात किया गया है हालांकि स्थिति अभी कंट्रोल में हैं हिंदू संगठन के लोगों की ओर से विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस से उनकी मामूली सी झड़प हुई जिसको देखते हुए पुलिस अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है।
क्यों मनाया जाता है इस्लाम में ‘मिलाद-उन-नबी’?
मिलाद-उन-नबी का पर्व इस्लाम के मार्गदर्शक और अल्लाह के दूत कहे जाने वाले पैगंबर से जुड़ा हुआ है। इस्लामिक मान्यता के अनुसार रबी-उल-अव्वल (इस्लामिक कैलेंडर का तीसरा महीना) के 12वें दिन पैगंबर मुहम्मद का जन्म हुआ था मुहम्मद के यौम-ए-पैदाइश जन्म को ‘मिलाद’ कहा जाता है।मिलाद-उन-नबी का त्योहार मुस्लिम समुदाय के बीच बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है और इस खास दिन को ईदों में ईद कहा जाता है हालांकि इस दिन को लेकर लोगों के बीच अलग-अलग मान्यताएं भी हैं कुछ लोगों का मानना है कि यह दिन पैगंबर मुहम्मद के जन्म के साथ ही मौत की भी तारीख है इसलिए इसे बारह-वफात यानी मौत का दिन भी कहा जाता है।
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