Priyanka Gandhi: कांग्रेस उम्मीदवार प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने अपने चुनावी डेब्यू में शानदार शुरुआत की है. उन्होंने वायनाड लोकसभा उपचुनाव में बड़ी जीत हासिल की. दरअसल, राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के सीट छोड़ने के बाद उनकी बहन प्रियंका गांधी ने चुनावी मैदान में कदम रखा था. प्रियंका गांधी ने वायनाड (Wayanad) में माकपा के सत्यन मोकेरी को चार लाख से अधिक वोटों से हराकर जीत दर्ज की.
इस जीत के साथ ही प्रियंका गांधी वाड्रा ने आज संसद सदस्य के रूप में शपथ ली. इस दौरान उनके भाई राहुल गांधी और मां सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) उपस्थित रहे. इस शपथ ग्रहण के साथ प्रियंका गांधी उन नेताओं की लिस्ट में शामिल हो गईं, जिनके परिवार का कोई न कोई सदस्य संसद के किसी सदन का सदस्य है.
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प्रियंका गांधी की राजनीति में पहली बार एंट्री
प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) का राजनीतिक सफर काफी दिलचस्प रहा है. उन्होंने 2004 के लोकसभा चुनाव में अपनी मां सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी के लिए चुनाव प्रचार किया था. इसके बाद भी प्रियंका गांधी ने सक्रिय राजनीति में कदम नहीं रखा था, बल्कि वह परिवार की चुनावी रणनीतियों में सहयोग करती रही थी.
23 जनवरी 2019 में प्रियंका गांधी ने औपचारिक रूप से कांग्रेस पार्टी में प्रवेश किया और पार्टी महासचिव का पद संभाला. इसके बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र की जिम्मेदारी संभाली, और 11 सितंबर 2020 को उन्हें पूरे उत्तर प्रदेश का प्रभारी महासचिव नियुक्त किया गया. प्रियंका गांधी ने अपनी राजनीति के दौरान हमेशा महिलाओं के अधिकारों और सशक्तिकरण को महत्व दिया और 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 40% महिलाओं को टिकट देकर इस मुद्दे को और भी जोर शोर से उठाया.
प्रियंका गांधी की शिक्षा और व्यक्तिगत जीवन
प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) का जन्म 12 जनवरी, 1972 को नई दिल्ली में हुआ था. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा देहरादून के वेल्हम गर्ल्स स्कूल से शुरू की थी, लेकिन 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सुरक्षा कारणों से उनकी पढ़ाई दिल्ली के कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल से हुई. प्रियंका ने 1993 में दिल्ली विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की और 2010 में यूनिवर्सिटी ऑफ संडरलैंड से बौद्ध अध्ययन में पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा प्राप्त किया. प्रियंका गांधी ने 1997 में रॉबर्ट वाड्रा से शादी की और उनके दो बच्चे हैं – रेहान वाड्रा और मिराया वाड्रा.
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प्रियंका गांधी की जीत और वायनाड उपचुनाव
आपको बता दे कि, प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के वायनाड से उपचुनाव लड़ने का फैसला राहुल गांधी के वायनाड सीट छोड़ने के बाद लिया गया था. राहुल गांधी ने दोनों सीटों, वायनाड और रायबरेली, से चुनाव लड़ा था और दोनों पर जीत हासिल की थी, लेकिन फिर उन्होंने रायबरेली सीट को चुना और वायनाड सीट खाली हो गई. इसके बाद प्रियंका गांधी को वायनाड से उपचुनाव का उम्मीदवार घोषित किया गया. प्रियंका गांधी ने इस उपचुनाव में 410,931 वोटों से जीत हासिल की और कुल 622,338 वोट प्राप्त किए। उनके मुख्य प्रतिद्वंदी, माकपा के सत्यन मोकेरी को 211,407 वोट मिले, जबकि भाजपा की नाव्या हरिदास को 109,939 वोट मिले.
प्रियंका गांधी की राजनीति में भविष्य
प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) का वायनाड से उपचुनाव में जीतना कांग्रेस पार्टी के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है. यह जीत न केवल प्रियंका के राजनीतिक करियर के लिए एक मील का पत्थर है, बल्कि यह उनके लिए एक महत्वपूर्ण कदम भी है, जिससे वह कांग्रेस पार्टी की रणनीतियों में और भी प्रभावी तरीके से शामिल हो सकती हैं. प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी महिला सशक्तिकरण, समाजिक मुद्दों और जनहित के मुद्दों पर काम कर रही है, और उनकी यह जीत पार्टी को एक नई दिशा दे सकती है.
प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) की राजनीतिक यात्रा ने यह साबित कर दिया है कि वह सिर्फ अपने परिवार के सदस्य के रूप में नहीं, बल्कि एक सशक्त नेता के रूप में भी सामने आ चुकी हैं. अब उनके पास संसद में अपनी आवाज उठाने और राजनीति में नई दिशा देने का अवसर है, जो कांग्रेस पार्टी के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है.
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