UPSC Chairman: यूपीएससी ने नए चेयरमैन की नियुक्ति की घोषणा कर दी है. 1983 बैच की आईएएस अधिकारी (IAS officer) प्रीति सूदन (Preeti Sudan) को इस पद पर नियुक्त किया गया है. प्रीति सूदन जुलाई 2020 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव पद से सेवानिवृत्त हुई थीं. उनके पास प्रशासनिक कार्यों का लगभग 37 वर्षों का अनुभव है, जिसमें उन्होंने विभिन्न विभागों और योजनाओं के लिए कार्य किया है. यूपीएससी चेयरमैन (UPSC Chairman) का पद मनोज सोनी के इस्तीफे के बाद रिक्त हो गया था, जिसके बाद अब इस पद पर प्रीति सूदन की नियुक्ति की गई है.
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आंध्र प्रदेश कैडर की अनुभवी आईएएस अधिकारी
बताते चले कि प्रीति सूदन (Preeti Sudan) आंध्र प्रदेश कैडर की आईएएस अधिकारी हैं और यूपीएससी के माध्यम से 1983 में आईएएस बनी थीं. चार साल पहले ही उन्होंने अपनी सेवा से सेवानिवृत्ति ली थी. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने केंद्र सरकार के कई महत्वपूर्ण विभागों में अपनी सेवाएं दी. वे महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग सहित कई विभागों में कार्यरत रहीं. प्रीति सूदन ने अक्टूबर 2017 से जुलाई 2020 तक भारत सरकार की स्वास्थ्य सचिव के रूप में कार्य किया. इस दौरान उन्होंने COVID-19 महामारी के खिलाफ मुख्य रणनीतिकार की भूमिका निभाई.
प्रीति सूदन के सराहनीय कार्य और उपलब्धियां
रिटायर्ड आईएएस अधिकारी (Retired IAS officer) प्रीति सूदन (Preeti Sudan) ने अपने कार्यकाल में कई उल्लेखनीय और सराहनीय कार्य किए हैं. उन्होंने “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” और “आयुष्मान भारत मिशन” जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं पर प्रभावी कार्य किया. इसके अलावा, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (National Medical Commission) और एलाइड हेल्थ प्रोफेशनल आयोग के गठन में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा. उन्होंने ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाया, जो एक महत्वपूर्ण और चर्चित कदम था. प्रीति सूदन ने आंध्र प्रदेश में वित्त विभाग, योजना विभाग, आपदा प्रबंधन, और पर्यटन जैसे महत्वपूर्ण विभागों में भी अपनी सेवाएं दी हैं.
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रीति सूदन का कार्यक्षेत्र
प्रीति सूदन (Preeti Sudan) का कार्यक्षेत्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी विस्तारित रहा है. उन्होंने विश्व बैंक के सलाहकार के रूप में भी कार्य किया है, जहां उन्होंने अपनी विशेषज्ञता और अनुभव का लाभ उठाते हुए महत्वपूर्ण योगदान दिया. उनके कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यों की सराहना की जाती रही है, और वे प्रशासनिक दक्षता और नेतृत्व के लिए जानी जाती हैं.
यूपीएससी को मिलेगा दक्ष नेतृत्व
उनकी नियुक्ति से यूपीएससी (UPSC) को एक अनुभवी और दक्ष नेतृत्व मिलने की उम्मीद है. प्रीति सूदन की नियुक्ति के साथ ही यूपीएससी के कार्यों में और भी मजबूती और प्रभावशीलता आने की संभावना है. उनकी नियुक्ति न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों का प्रमाण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि प्रशासनिक अनुभव और दक्षता का महत्व कितना अधिक है.
प्रशासनिक सेवाओं में उत्कृष्टता का महत्व
प्रीति सूदन (Preeti Sudan) की नियुक्ति एक महत्वपूर्ण कदम है, जो यूपीएससी के लिए नई दिशा और दृष्टिकोण प्रदान करेगा. उनकी विशेषज्ञता और अनुभव से यूपीएससी को नए ऊंचाइयों पर ले जाने की उम्मीद की जा रही है. उनकी नियुक्ति से यह स्पष्ट होता है कि प्रशासनिक सेवाओं में उत्कृष्टता और अनुभव का कितना महत्व है और यह कैसे संगठनों को मजबूती और दिशा प्रदान कर सकता है.
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