Prayagraj Inspector Suicide:वाराणसी क्राइम ब्रांच में तैनात इंस्पेक्टर तरुण पांडेय की आत्महत्या का मामला लगातार रहस्यमय होता जा रहा है। रविवार शाम लगभग 5 बजे उन्होंने अपने घर में खुद को लाइसेंसी राइफल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। वह उस वक्त घर में अकेले थे, क्योंकि उनकी पत्नी पूनम और बेटा बेंगलुरु में थे। अब पुलिस जांच में एक नया एंगल सामने आया है, जिससे मामले में और भी सवाल खड़े हो गए हैं।
आत्महत्या से पहले वॉयस रिकॉर्डिंग
पुलिस सूत्रों के अनुसार, जांच के दौरान पाया गया कि आत्महत्या से ठीक पहले इंस्पेक्टर तरुण पांडेय अपने मोबाइल से किसी को एक वॉयस रिकॉर्डिंग भेजने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वह रिकॉर्डिंग किसे भेज रहे थे और उसमें क्या कहा गया था। मोबाइल को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है, ताकि रिकॉर्डिंग की सामग्री और भेजे जाने वाले व्यक्ति की पहचान हो सके। यह वॉयस रिकॉर्डिंग आत्महत्या के कारणों को समझने में अहम भूमिका निभा सकती है।
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पड़ोसी ने पुलिस को दी सूचना
घटना के वक्त गोली की आवाज सुनकर पड़ोसी चौंक उठे और तुरंत इंस्पेक्टर के घर पहुंचे। काफी देर तक दरवाजा खटखटाने के बाद भी जब अंदर से कोई जवाब नहीं मिला, तो उन्होंने 112 नंबर पर पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़कर घर के अंदर प्रवेश किया। बेड पर इंस्पेक्टर का शव खून से लथपथ मिला, और उनके पैर बेड से नीचे लटके हुए थे। पास में ही लाइसेंसी राइफल और एक बीयर की बोतल गिरी हुई पाई गई।
शव का पोस्टमॉर्टम
पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और परिवार को घटना की जानकारी दे दी गई है। प्रारंभिक जांच में आत्महत्या का मामला लग रहा है, लेकिन मोबाइल और वॉयस रिकॉर्डिंग के आधार पर अब केस में कई नए पहलू सामने आ सकते हैं। तरुण पांडेय एक अनुशासित और अनुभवी अधिकारी माने जाते थे, और उनके इस कदम ने उनके सहयोगियों को भी स्तब्ध कर दिया है।
फिलहाल पुलिस ने मामले पर आधिकारिक रूप से कुछ भी कहने से इनकार किया है। जांच टीम मोबाइल डेटा, कॉल रिकॉर्ड, और वॉयस मैसेज की गहनता से जांच कर रही है। यह देखा जा रहा है कि कहीं कोई मानसिक दबाव, पेशेवर तनाव, या किसी प्रकार का ब्लैकमेल तो इस कदम की वजह नहीं बना। आने वाले दिनों में जांच से जुड़े तथ्यों से इस मामले की परतें खुल सकती हैं।