Prashant Kishor News: बिहार की राजनीति में जन सुराज के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने नया अध्याय जोड़ने का ऐलान कर दिया है। पिछले दो वर्षों से पूरे बिहार का दौरा कर रहे प्रशांत किशोर ने अब विधानसभा चुनाव लड़ने का मन बना लिया है। उनकी पार्टी का गठन 2 अक्टूबर 2024 को महात्मा गांधी की जयंती पर होगा। प्रशांत किशोर की पार्टी बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पार्टी 75 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारेगी। पार्टी के सभी मामलों को देखने के लिए 21 नेताओं की एक कमेटी का गठन किया जाएगा। यह कमेटी पार्टी की रणनीति और उम्मीदवारों के चयन पर नजर रखेगी।
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गांधी जयंती पर पार्टी की लॉन्चिंग
प्रशांत किशोर ने घोषणा की है कि 2 अक्टूबर 2024 को उनकी पार्टी की औपचारिक लॉन्चिंग होगी। महात्मा गांधी की जयंती को चुनकर प्रशांत किशोर ने इसे एक प्रतीकात्मक महत्व दिया है। पिछले दो वर्षों से बिहार के हर जिले में पदयात्रा करने के बाद प्रशांत किशोर ने इस ऐतिहासिक दिन को अपनी पार्टी के गठन के लिए चुना है।
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राजनीति में नया समीकरण
बिहार विधानसभा चुनाव में अब तक मुख्य मुकाबला महागठबंधन और एनडीए के बीच था। लेकिन प्रशांत किशोर की पार्टी के आने से यह मुकाबला त्रिकोणीय हो जाएगा। महागठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टी और मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी शामिल हैं। वहीं, एनडीए में बीजेपी, जेडीयू, आरएलएम, एलजेपी आर और ‘हम’ पार्टी प्रमुख हैं।
जातिगत समीकरण और मुस्लिम वोट बैंक
महागठबंधन में आरजेडी का सबसे मजबूत वोट बैंक मुस्लिम और यादव समुदाय है। प्रशांत किशोर के मुस्लिम उम्मीदवारों को लेकर किए गए ऐलान से आरजेडी की परेशानी बढ़ सकती है। मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने का प्रयास आरजेडी के लिए एक चुनौती साबित हो सकता है।
राजनीति में नई दिशा
प्रशांत किशोर ने 2021 में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को शानदार जीत दिलाने के बाद घोषणा की थी कि वह अब चुनावी रणनीतिकार का काम नहीं करेंगे। उन्होंने 2 अक्टूबर 2022 को औपचारिक रूप से राजनीति में आने से पहले पूरे बिहार में यात्रा निकालने का भी ऐलान किया था। इस यात्रा के बाद अब उन्होंने अपनी राजनीतिक पार्टी की घोषणा कर दी है। प्रशांत किशोर की पार्टी के आने से बिहार की राजनीति में नए समीकरण बनेंगे। उनके नेतृत्व में जन सुराज कितना प्रभावी साबित होगा, यह तो आने वाले चुनावी परिणाम ही बताएंगे। लेकिन एक बात साफ है कि प्रशांत किशोर ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है और उनकी पार्टी की एंट्री से मुकाबला और भी रोमांचक हो गया है।
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