Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly elections) से पहले बीजेपी नेता और सांसद पूनम महाजन ने अपने पिता प्रमोद महाजन की हत्या को लेकर सनसनीखेज बात कही है 22 अप्रैल 2006 को मुंबई में गोली मारकर पूर्व रक्षा मंत्री प्रमोद महाजन (Pramod Mahajan) की हत्या कर दी गई थी जिसके बाद आज तक उनकी हत्या से जुड़े कई ऐसे अनसुलझे पहलू हैं जिनसे पर्दा नहीं उठ सका है।पूनम महाजन (Poonam Mahajan) ने कहा कि,उनके पिता की हत्या की साजिश हो सकती है अब जब महाराष्ट्र में कुछ ही दिनों में विधानसभा चुनाव होने हैं उससे पहले पूनम महाजन ने प्रमोद महाजन की हत्या की जांच की मांग की है।
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पूनम महाजन ने पिता की हत्या की गहरी साजिश की आशंका जताई
प्रमोद महाजन (Pramod Mahajan) की हत्या के पीछ पूनम महाजन (Poonam Mahajan) ने गहरी साजिश की आशंका जताई है पूनम महाजन ने कहा कि,उनकी हत्या पारिवारिक रंजिश या दुश्मनी से नहीं हुई थी बल्कि इसके पीछे कोई मास्टरमाइंड भी हो सकता है पूनम महाजन ने प्रमोद महाजन की हत्या की जांच के लिए गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखने की बात कही है उन्होंने कहा, आज नहीं तो कभी ना कभी पिता प्रमोद महाजन की हत्या की साजिश का पर्दाफाश होगा उनकी हत्या एक गहरी साजिश थी जिसे तुच्छ कारणों का हवाला देकर छुपाया गया था।
प्रमोद महाजन की हत्या की फिर से जांच की मांग की
आपको बता दें कि,प्रमोद महाजन (Pramod Mahajan) अटल-आडवाणी के समय में केंद्र की राजनीति का एक उभरता हुआ चेहरा था भारतीय जनता पार्टी में वह अपनी संगठनात्मक क्षमता और राजनीतिक रणनीति के लिए जाने जाते थे पार्टी में उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी के बाद सबसे बड़ा नेता माना जाने लगा था।प्रमोद महाजन की भाजपा के साथ ही अन्य राजनीतिक दलों में भी अच्छी पैठ थी उन्हें सभी पार्टियों में खास तवज्जो दिया जाता था साल 1998 में जब केंद्र में अटल जी की सरकार बनी तो वह केंद्र में मंत्री भी रहे थे।
22 अप्रैल 2006 को भाई प्रवीण महाजन ने की थी हत्या
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि,प्रमोद महाजन (Pramod Mahajan) की हत्या उनके भाई प्रवीण महाजन ने लेनदेन और पारिवारिक रंजिश के चलते की थी 22 अप्रैल 2006 को प्रमोद महाजन अपने घर में बैठकर सुबह की चाय के साथ अखबार के पन्ने पढ़ रहे थे उसी समय वहां उनके भाई प्रवीण महाजन (Praveen Mahajan) पहुंचे जहां दोनों के बीच कुछ देर बातचीत हुई और थोड़ी देर बाद दोनों के बीच किसी बात को लेकर तकरार शुरु हो गई इतने में प्रवीण महाजन ने बंदूक निकालकर प्रमोद महाजन के ऊपर गोलियां चला दीं और प्रवीण महाजन खुद वर्ली स्टेशन पहुंचकर अपने भाई की हत्या का जुर्म कबूलते हुए पुलिस के सामने आत्मसमपर्ण कर दिया।
प्रमोदी महाजन (Pramod Mahajan) की हत्या मामले में प्रवीण महाजन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी लेकिन जमानत पर जेल से बाहर आने पर मीडिया ने जब उनसे हत्या करने की वजह जाननी चाही तो उन्होंने कोई ठोस जवाब नहीं दिया प्रवीण महाजन ने जेल में रहते हुए एक किताब में लिखा है यह सब कैसे हुआ और किसने किया लेकिन कोई इसको नहीं जान पाएगा साल 2010 में फिर प्रवीण महाजन की भी ब्रेन हैमरेज के कारण मौत हो गई।