555th Prakash Parv: श्री गुरु नानक देव जी के 555वें प्रकाश पर्व के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आलमबाग और गुरुद्वारा पटेल नगर में आयोजित कार्यक्रम में समाज और राष्ट्र को उनकी प्रेरणादायी शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। मुख्यमंत्री ने गुरु नानक देव जी के सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा की महत्ता पर बल देते हुए कहा कि उनके उपदेशों ने न केवल भक्ति का संदेश दिया बल्कि इसे शक्ति का रूप देकर आगे गुरु गोविंद सिंह महाराज ने नए आयाम दिए।
गुरु गोविंद सिंह जी और उनके चार साहिबजादों के बलिदान की गाथा पर बात करते हुए मुख्यमंत्री ने इसे हर भारतवासी के लिए गौरव का विषय बताया। यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को आलमबाग और गुरुद्वारा पटेल नगर में श्री गुरु नानक देव जी महाराज के 555वें प्रकाश पर्व के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहीं।
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‘गौरवशाली परंपराओं से जुड़ती है समाज की जड़ें’
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि एक समाज के लिए उसकी परंपराएं और उसकी विरासत महत्वपूर्ण होती हैं। पिछले पाँच वर्षों में, प्रदेश में गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर मुख्यमंत्री आवास में कीर्तन यात्रा का आयोजन किया गया, जिसे उन्होंने अपने लिए सौभाग्य बताया। उन्होंने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वीर बाल दिवस मनाए जाने की शुरुआत का भी उल्लेख किया, जो गुरु गोविंद सिंह जी के चार साहिबजादों की बलिदान दिवस को सम्मानित करता है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह दिवस न केवल आज की युवा पीढ़ी को प्रेरित करने का कार्य करेगा बल्कि आने वाली पीढ़ियों को धर्म और देश से जोड़ने का माध्यम भी बनेगा। यह आयोजन समाज को अपनी महान परंपराओं से जोड़ने का माध्यम बनता है और इस विरासत को अपनाकर समाज हमेशा प्रेरणा प्राप्त कर सकता है। सिर्फ इतना ही नहीं पीएम मोदी ने भी चार साहिबजादों के बलिदान को स्मरणीय बनाने हेतु 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप मानाने की घोषणा की है।
‘गुलामी से दूर रखने का माध्यम है’
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी परंपराएं और विरासतें ही हैं, जो एक समाज को गुलामी से दूर रखती हैं। अपनी विरासत और आदर्शों से प्रेरणा लेने वाला समाज न केवल सशक्त बनता है बल्कि वह अपने आदर्शों से जोड़कर आगे बढ़ने की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी का जीवन हमें सच्चे ईश्वर की आराधना और सेवा के महत्व को समझने का संदेश देता है। उनके उपदेश मानवता के प्रति समर्पण, समानता, और भक्ति के प्रतीक हैं।
प्रकाश पर्व का महत्व
प्रकाश पर्व, जो हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर मनाया जाता है, गुरु नानक देव जी के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसे ‘प्रकाश पर्व’ इसलिए कहते हैं, क्योंकि गुरु नानक देव जी ने समाज में अंधकार को दूर कर ज्ञान का प्रकाश फैलाने का कार्य किया। गुरु नानक देव जी का जीवन और उनकी शिक्षाएँ आज भी हमें भक्ति, सत्य और न्याय के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं। उन्होंने अपनी शिक्षाओं से समाज में व्याप्त कुरीतियों, अंधविश्वासों, और भेदभाव का विरोध किया और एकता, प्रेम, और सेवा का संदेश दिया।
प्रदेशवासियों को दी प्रकाश पर्व की शुभकामनाएं
समारोह के अंत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों को प्रकाश पर्व की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी के आदर्शों से प्रेरणा लेकर समाज और राष्ट्र के हित में कार्य करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।