Jammu Kashmir : जम्मू-कश्मीर को लेकर केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसले का आज ऐलान कर दिया है.जम्मू-कश्मीर को चुनाव को देखते हुए केंद्र की एनडीए सरकार ने दिल्ली की तर्ज पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल की ताकत बढ़ा दी है.दिल्ली की ही तरह जम्मू-कश्मीर में भी ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए एलजी की अनुमति लेना जरूरी होगा.
एलजी की अनुमति के बिना ट्रांसफर- पोस्टिंग की अनुमति नहीं होगी साथ ही पुलिस प्रशासन पर भी एलजी की सहमति जरूरी है।जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव को लेकर सुप्रीमकोर्ट की संविधान पीठ ने भी निर्देश दिया है कि,जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव 30 सितंबर 2024 से पहले कराए जाने चाहिए।
Read more :7 राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर मतगणना जारी, जानें पक्ष या विपक्ष किसको मिलेगी खुशखबरी?
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल की बढ़ी शक्तियां
जम्मू-कश्मीर में कुछ समय बाद विधानसभा चुनाव होने हैं उससे पहले मोदी सरकार ने जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 की धारा 55 में संशोधन किया है.सरकार द्वारा किए गए इस संशोधन के बाद पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित मामलों में उपराज्यपाल की शक्ति और बढ़ जाएगी.दिल्ली की तर्ज पर अब घाटी के उपराज्यपाल के कार्य का दायरा बढ़ जाएगा।
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल के पास अब दिल्ली के उपराज्यपाल के जैसी शक्तियां हो गई हैं जैसे दिल्ली की सरकार उपराज्यपाल की सहमति के बिना अधिकारियों की नियुक्ति या तबादला नहीं कर सकती है वैसे ही जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा चुनाव के बाद बनने वाली सरकार भी उपराज्यपाल की अनुमति के बिना कोई ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं कर सकेगी।
Read more :सब्जियों पर चढ़ा महंगाई का रंग, 4 महीने में उच्च स्तर पर पहुंची महंगाई…
पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने जताई आपत्ति
वहीं सरकार के इस फैसले पर जम्मू-कश्मीर की राजनीति गरमा गई है.भाजपा ने जहां इस फैसले का स्वागत किया है तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला इस पर भड़क गए हैं.उन्होंने कहा केंद्र सरकार का ये फैसला दर्शाता है कि,जल्द ही जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराए जाएंगे.
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा….जम्मू-कश्मीर के लोग रबर स्टांप मुख्यमंत्री नहीं चाहते हम जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग कर रहे हैं जिससे नई सरकार के मुख्यमंत्री के पास अपने अधिकार हों.पूर्व सीएम ने आगे कहा कि,उपराज्यपाल को ताकतवर बनाए जाने से मुख्यमंत्री को अपने चपरासी की नियुक्ति के लिए भी उपराज्यपाल के आगे हाथ फैलाना पड़ेगा।
Read more :Nigeria में गिरी स्कूल की इमारत,22 छात्रों की दर्दनाक मौत,100 से ज्यादा लापता..
अधिनियम में शामिल की गई नई ये नई धाराएं
42A- डिपार्टमेंट ऑफ लॉ, जस्टिस एंड पार्लियामेंट्री अफेयर्स विभागों में वकील-एडवोकेट जनरल और अन्य अधिकारियों की नियुक्ति के प्रस्ताव को मुख्य सचिव और सीएम के जरिए उपराज्यपाल के समक्ष पेश किया जाएगा.
42B-अभियोजन स्वीकृति देने या अस्वीकार करने या अपील दायर करने के संबंध में कोई भी प्रस्ताव विधि विभाग द्वारा मुख्य सचिव के माध्यम से उपराज्यपाल के समक्ष रखा जाएगा.