- दवा काउंटर पर मरीज व तीमारदारों का हंगामा
लखनऊ संवाददाता : मोहम्मद कलीम
लखनऊ। लोहिया संस्थान के सुपर स्पेशियालिटी ब्लॉक के सातवें तल पर सुबह करीब 10 बजे बिजली गुल हो गई। इससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। पैथोलॉजी विभाग की लैब में नमूना जमा करने व रिपोर्ट लेने में पसीने छूट गए। दोपहर करीब एक बजे बिजली सप्लाई बहाल हुई। इसके बाद कामकाज सामान्य हो सका। उधर, संस्थान में दवा काउंटर पर मरीज तीमारदारों ने हंगामा किया।
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10 बजे से लैब में बिजली आपूर्ति ठप थी
सुपर स्पेशियालिटी ब्लॉक के सातवें तल पर पैथोलॉजी विभाग का संचालन हो रहा है। इसमें खून, बायोप्सी समेत दूसरी गंभीर जांचें हो रही हैं। सुबह करीब 10 बजे से लैब में बिजली आपूर्ति ठप थी। कम्प्यूटर व प्रिंटर समेत दूसरे उपकरणों का संचालन ठप हो गया। लैब व उसके आस-पास अंधेरा छा गया। खून व बायोप्सी का नमूना जमा करने आए लोगों को काफी इंतजार करना पड़ा। वहीं रिपोर्ट लेने वालों को भी दुश्वारियां झेलनी पड़ीं। कर्मचारियों का कहना है कि स्थानीय फाल्ट की वजह से बिजली गुल हुई। जिसे ठीक कराने के लिए शिकायत दर्ज कराई गई। कम्प्यूटर व प्रिंटर ठप हो गए थे।
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रिपोर्ट की वजह से इलाज अटका हुआ
तीमारदार शुभम के मुताबिक सुबह से कई बार रिपोर्ट के लिए लैब के काउंटर तक दौड़ चुका हूं। रिपोर्ट नहीं मिली। दोपहर करीब एक बजे रिपोर्ट मिली। जबकि संस्थान के दूसरे स्थानों पर बिजली आ रही है। इसी प्रकार अनीता अपनी मां की रिपोर्ट के लिए भटक रही हैं। उन्होंने बताया कि बायोप्सी की रिपोर्ट की वजह से इलाज अटका हुआ। आज सुबह रिपोर्ट देने की बात कही थी। एक बजे रिपोर्ट मिली।
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OPD, भर्ती मरीज ही संस्थान से दवा ले सकते हैं
लोहिया संस्थान में गुरुवार को दवा काउंटर पर मरीज तीमारदारों ने हंगामा किया। आरोप है कि सर्वर ठप होने के बाद काउंटर पर दवाओं का वितरण रोक दिया गया। इस वजह से लाइन में लगे लोगों को काफी इंतजार करना पड़ा। लोहिया संस्थान में हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड के काउंटर से मरीजों को 50 से 70 प्रतिशत कम कीमत पर दवा और सर्जिकल सामान उपलब्ध कराया जाता है। ओपीडी, भर्ती मरीज ही संस्थान से दवा ले सकते हैं।
मरीजों की परेशानी का सबब बन गया
गुरुवार को शाम करीब साढ़े चार बजे सर्वर डाउन हो गया। इस वजह से दवाओं की बिलिंग ठप हो गई और दवाओं का वितरण रुक गया। इस पर लाइन में लगे मरीजों ने हंगामा शुरू कर दिया। काउंटर के सामने अफरा-तफरी मच गई। लोगों का आरोप हैं कि दवा के पांच काउंटर बने हैं। इनमें महज दो से तीन काउंटर का ही संचालन हो रहा है। जो मरीजों की परेशानी का सबब बन गया है। मरीजों को दवा के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। सर्वर जाने की दशा में वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं है। करीब आधे घंटे बाद सर्वर आया। तब जाकर दोबारा दवाओं का वितरण शुरू हुआ।