Chhatrapati Shivaji Maharaj Statue Collapsed: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) की मूर्ति गिरने की घटना ने राज्य में सियासी पारा बढ़ा दिया. इस घटना के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को शिवाजी महाराज की प्रतिमा को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि जल्द ही राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की एक भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी.
राज्य सरकार को विपक्ष के तीखे सवालों का सामना करना पड़ा
बताते चले कि सिंधुदुर्ग जिले की मालवण तहसील में स्थित राजकोट किले में 26 अगस्त को 17वीं सदी के मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) की प्रतिमा ढह गई थी. इस घटना ने पूरे राज्य में हलचल मचा दी. विपक्ष ने इस घटना की कड़ी आलोचना की और इसे महाराष्ट्र के गौरव को ठेस पहुंचाने वाली घटना बताया. मूर्ति का गिरना एक गंभीर मुद्दा बना, जिसमें राज्य की सरकार को विपक्ष के तीखे सवालों का सामना करना पड़ा.
मुख्यमंत्री का बयान और बड़ा ऐलान
वहीं, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा, “छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) एक युगपुरुष हैं और वह राज्य और राष्ट्र के गौरव हैं. राजकोट किले की घटना निस्संदेह दुखद है, लेकिन महाराष्ट्र सरकार और नौसेना द्वारा जल्द ही वहां फिर से एक भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी.” शिंदे का यह बयान उन लोगों के लिए था जो इस घटना को लेकर चिंतित थे और सरकार की भूमिका पर सवाल उठा रहे थे.
‘शिवसृष्टि’ परियोजना का उद्घाटन
आपको बता दे कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने यह घोषणा नंदगांव में ‘शिवसृष्टि’ परियोजना के प्रथम चरण का उद्घाटन करते हुए की. उन्होंने इस परियोजना को नंदगांव शहर के विकास के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताया और कहा कि उनकी सरकार नगर परिषद की नई इमारत के निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपये की राशि प्रदान करेगी. एकनाथ शिंदे का कहना था कि उनकी सरकार छत्रपति शिवाजी महाराज के सम्मान और उनके योगदान को सहेजने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
मूर्ति गिरने की वजह और आलोचना
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि बीते सोमवार को तटीय सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) की 35 फुट ऊंची प्रतिमा अचानक गिर गई थी. यह प्रतिमा भारतीय नौसेना द्वारा निर्मित की गई थी और इसका अनावरण लगभग 9 महीने पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था. अधिकारियों के अनुसार, 45 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से बहने वाली हवाओं के कारण यह प्रतिमा गिर गई. हालांकि, भारतीय मानक ब्यूरो के मानकों के अनुसार, किसी संरचना को डिजाइन करते समय इससे तीन गुना अधिक हवा की गति को भी ध्यान में रखा जाता है। इस घटना के बाद मूर्ति की गुणवत्ता और निर्माण प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए हैं.
महाराष्ट्र की राजनीति में नया मोड़
छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) की मूर्ति गिरने की घटना ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के प्रतिमा पुनर्स्थापन के ऐलान के बाद भी, यह मुद्दा राजनीतिक और सामाजिक हलकों में गर्म बना हुआ है. राज्य में शिवाजी महाराज की मूर्ति को लेकर उठे सवाल और आलोचनाओं का सामना करते हुए, सरकार ने मूर्ति को फिर से स्थापित करने का संकल्प लिया है, ताकि मराठा योद्धा के सम्मान और गौरव को सहेजा जा सके.