Jharkhand: झारखंड (Jharkhand) की राजनीति में एक बड़ा मोड़ आया जब झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री चंपई सोरेन (Champai Soren) ने अपने पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपने इस्तीफे के पीछे पार्टी की मौजूदा कार्यशैली और नीतियों को जिम्मेदार ठहराया, जिनसे वह असहमत थे। चंपई सोरेन ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह उस पार्टी को छोड़ेंगे, जिसके साथ उन्होंने इतने वर्षों तक सेवा की. लेकिन हाल के घटनाक्रमों ने उन्हें इस कठोर निर्णय के लिए मजबूर कर दिया.
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रामदास सोरेन की नई जिम्मेदारी
बताते चले कि चंपई सोरेन (Champai Soren) के इस्तीफे के बाद, खाली हुए मंत्री पद पर घाटशिला से जेएमएम विधायक रामदास सोरेन को नियुक्त किया जाएगा. यह घोषणा की गई है कि रामदास सोरेन, जो झारखंड मुक्ति मोर्चा के एक अनुभवी नेता हैं, हेमंत सोरेन के कैबिनेट में चंपई सोरेन की जगह लेंगे. मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि शपथ ग्रहण समारोह जल्द ही राजभवन में आयोजित किया जाएगा, जहां रामदास सोरेन मंत्री पद की शपथ लेंगे.
चंपई सोरेन का राजनीतिक सफर
आपको बता दे कि चंपई सोरेन (Champai Soren) ने जेएमएम के साथ अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी और पार्टी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उन्होंने राज्य विधानसभा के विधायक और मंत्री के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं. हालांकि, उनके इस्तीफे के बाद, उन्होंने कहा कि वे जल्द ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होंगे. चंपई सोरेन के इस फैसले से झारखंड की राजनीति में नए समीकरण बनने की संभावना है.
झारखंड की राजनीति में उथल-पुथल
चंपई सोरेन (Champai Soren) के इस्तीफे ने झारखंड (Jharkhand) की राजनीति में एक बार फिर से उथल-पुथल मचा दी है. इससे पहले, धन शोधन मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद संभाला था. हालांकि, हेमंत सोरेन के जमानत पर रिहा होने के बाद, चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया, और हेमंत सोरेन ने फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
हेमंत सोरेन सरकार के सामने नई चुनौतियां
चंपई सोरेन (Champai Soren) के इस्तीफे और रामदास सोरेन की नियुक्ति के साथ, हेमंत सोरेन सरकार के सामने नई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. चंपई सोरेन का भाजपा में शामिल होना, झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है, और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह सियासी उथल-पुथल झारखंड की राजनीति को कैसे प्रभावित करेगी.
चंपई सोरेन (Champai Soren) का इस्तीफा और रामदास सोरेन की नई भूमिका, झारखंड (Jharkhand) की राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत कर रहे हैं. हेमंत सोरेन सरकार के सामने कई चुनौतियां खड़ी हैं, और यह देखना होगा कि वे इस सियासी संकट से कैसे निपटते हैं. चंपई सोरेन का भाजपा में शामिल होना, राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है, और आने वाले दिनों में झारखंड की राजनीतिक स्थिति में और बदलाव देखने को मिल सकते हैं.