Maharashtra Elections 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra assembly elections) की तारीख नजदीक आते ही राजनीतिक दलों के बीच बयानबाजी का सिलसिला तेज हो गया है. राहुल गांधी की ‘लाल किताब’ को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है. भाजपा ने इस मुद्दे पर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को घेरते हुए उनके संविधान को लेकर कथित तौर पर ‘लाल किताब’ के इस्तेमाल पर सवाल उठाए, तो वहीं कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा पर पलटवार किया है. कांग्रेस (Congress) ने कहा कि पहले सोचें, फिर बोलें.
संविधान सम्मेलन में ‘लाल किताब’ का वितरण
दरअसल, बुधवार को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने नागपुर के सुरेश भट सभागार में आयोजित संविधान सम्मेलन में हिस्सा लिया. इस दौरान वहां उपस्थित लोगों को संविधान की ‘लाल किताब’ वितरित की गई, जिसमें भारत का संविधान लिखा था. यह किताब नोटपैड के रूप में थी और इसका आवरण लाल रंग का था, जिससे यह चर्चा का विषय बन गया.
देवेंद्र फडणवीस ने राहुल गांधी पर साधा निशाना
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने इस किताब पर टिप्पणी करते हुए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर निशाना साधा है. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राहुल गांधी ‘अर्बन नक्सलियों’ की मदद लेने के लिए संविधान की ‘लाल किताब’ का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी भारत के संविधान का सम्मान करने के बजाय अराजकतावादियों के साथ मिलकर नाटक कर रहे हैं. उनके अनुसार, राहुल गांधी ने संविधान का प्रचार नहीं किया, बल्कि उन्होंने यह सब ‘अर्बन नक्सलियों’ का समर्थन प्राप्त करने के लिए किया है.
भाजपा के आरोपों पर कांग्रेस का तीखा जवाब
वहीं, भाजपा के इन आरोपों पर कांग्रेस (Congress) ने तीखा जवाब दिया. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा नेताओं को बिना तथ्यों के आरोप लगाने से पहले सोच-समझकर बोलना चाहिए. सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में जयराम ने देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस ‘लाल किताब’ का फडणवीस जिक्र कर रहे हैं, वह दरअसल भारत का संविधान है, जिसके निर्माता डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर थे.
जयराम रमेश का तर्क
जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने आगे कहा कि यह वही संविधान है, जिसे नवंबर 1949 में आरएसएस ने यह कहकर अस्वीकार किया था कि यह मनुस्मृति से प्रेरित नहीं है. रमेश ने कहा कि फडणवीस जिस ‘लाल किताब’ पर आपत्ति जता रहे हैं, उसमें प्रस्तावना भारत के प्रतिष्ठित कानूनी विशेषज्ञ के.के. वेणुगोपाल द्वारा लिखी गई है, जो 2017 से 2022 तक भारत के अटॉर्नी जनरल थे.
‘अर्बन नक्सल’ शब्द पर प्रतिक्रिया
जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के ‘अर्बन नक्सल’ के आरोप पर भी टिप्पणी की. उन्होंने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 9 फरवरी, 2022 और 11 मार्च, 2020 को संसद में बताया था कि भारत सरकार ‘अर्बन नक्सल’ शब्द का इस्तेमाल नहीं करती है. जयराम रमेश ने देवेंद्र फडणवीस को सलाह दी कि वे तथ्यों को समझने के बाद ही अपनी बात कहें. इस तरह, महाराष्ट्र चुनाव के दौरान राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की ‘लाल किताब’ के वितरण पर भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. जहां भाजपा इसे अर्बन नक्सल और संविधान के अपमान से जोड़ रही है, वहीं कांग्रेस इसे भारतीय संविधान और बाबासाहेब अंबेडकर का सम्मान बताकर पलटवार कर रही है.
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