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BiharTrain Accident :बिहार के बक्सर और आरा स्टेशन के बीच रघुनाथपुर स्टेशन के पास नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस बेपटरी हो गई,ये ट्रेन आनंद विहार से आ रही थी जिसकी छह बोगियां पलट गईं,हादसा इतना भयवा था की जिसने ये मंजर देखा वो स्तब्ध रह गया , लेकिन रेल हादसे के बाद एक बेहतर सामाज की जो तस्वीरे निकल कर आई।जिसने एक बार से फिर देश की साझा संस्कृत का परिचय दिया, देखिए ये रिपोर्ट किसी खिलौने की तरह रेल की पटरी पर पड़े, सुपरफास्ट के डब्बे कानों में गूंजती ये एम्बुलेंस के सायरनों की आवाज जमीन पर फैले जूते चप्पल और रेल के ड़ब्बों के नीचे दवी ये लाशे ये मंजर जिसने देखा स्तब्ध रह गया।
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आये दिन ट्रेंन हादसे बढते जा रहे..
इस घटने बालाशोर में हुई उस घटना की याद दिला दी जिसमें सैकड़ें परिवारों ने अपने लोगो को खो दिया था। अभी कल की ही तो बात है। कल ही तो बालाशोर हादसे में मारे गये 28 लावारिस शवों को अंतिम संस्कार हुआ था, और आज एक और ट्रेस हादसा। हिंदुस्तान के सबसे बड़े ट्रांस्पोर्ट को ना जाने किसकी नज़र लग गयी हैं, जो आये दिन ट्रेंन हादसे बढते जा रहे हैं। दरअसल बिहार में बक्सर के पास बुधवार की रात आनंद विहार टर्मिनल से चलकर कामाख्या जाने वाली,,,नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे पटरी से उतर गए। इस हादसे में कई लोगों के घायल हुए तो कई लोगो की जान चली गयी।
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केंद्रीय मंत्री, अश्विनी चौबे…
हदसे से पहले ट्रेन में लब कुछ सामान्य था। रात गहरा रही थी। पैंट्रीकार के कर्मी यात्रियों को खाना दे चुके थे लोग खा-पीकर अब सोने की तैयारी में थे कुछ लोगों ने चादर भी तान ली थी। आनंद विहार से कामाख्या जा रही नार्थ इस्ट एक्सप्रेस पटरियों पर तेज गति में दौड़ती चली जा रही थी कि अचानक तेज आवाज ने सभी को दहला दिया ।किसी अनहोनी की आशंका ने लोगों की आंखों की नींद गायब कर दी। जैसे ही लोगों के पता चला कि ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गई है ।वहां अफरातफरी का महौल चारों ओर चीख-पुकार नीचे घुप अंधेरा बोगियां बेपटरी हो चुकी थीं।
चारों तरफ फैल गया..
एसी कोच तो पलटकर डाउन लाइन से अप लाइन पर आ चुका था। गनिमत ये रही की डाउन लाइन से कोइ दूसरी गाड़ी नही आ रही थी। वरना बालासोर जैसी बड़ी घटना भी हो सकती थी। घटनास्थल रघुनाथपुर स्टेशन के पास था। चूंकि रात हो चुकी थी, सो पास के बाजार भी बंद हो चुके थे, लेकिन दुर्घटना का समाचार आग की तरह चारों तरफ फैल गया। समाज क्या होता है, मानवता क्या होती है।यह दृश्य यहां दिख रहा था।
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नीतीश कुमार की पहली प्रतिक्रिया सामने आई..
जब आसपास पंद्रह-बीस किलोमीटर दूर गांवों से भी लोग दौड़ते-हांफते जिन्हें जो मिला उस साधन से वहां पहुंचने लगे और लोगों की मदद के लिए आगे आने लगे घुप अंधेरे के कारण राहत कार्य में परेशानी आ रही थी तो ग्रामीणों ने ही पास से जेनरेटर लाकर वहां रोशनी की व्यवस्था की कोई पानी लेकर दौड़ रहा है, कोई बच्चों को निकाल रहा है, कोई घायलों को एंबुलेंस पर चढ़ाने पर सहायता कर रहा है।जिससे जो बन पड़ रहा था, वह कर रहे थे ।वही इस ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है।
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CM नीतीश कुमार ने कहा कि…
आपदा विभाग की ओर से लगातार हादसे के वक्त से ही मॉनिटरिंग की जा रही है। घटनास्थल पर पहुंचकर हर संभव घायल यात्रियों को अस्पताल पहुंचाने और सुविधा मुहैया कराने के लिए कार्य किया जा रहा है। सात ही उन्होने घायलों और मृतकों के लिए मुआवजे का ऐलान भी किया।इस रेल हादसे के बाद देश के सभी राजनैतिक दलों और सरकारों ने अपनी संवेदनाए व्यक्त की हैं और हर संभाव मदद और मुआवजे का राग अलापा है, लेकिन लगातार हो रही रेल दुर्घटनाओं के मामलों से पूरा सिस्टम सवालों के घेरे में हैं। देखना ये हैं कि लगातार होती रेल दुर्घटनाओं का क्रम कब और कैसे टूटेगा।