लखनऊ संवाददाता: विवेक शाही
बिहार: बिहार की राजधानी पटना में आयोजित होने वाली विपक्षी दलों की बैठक से पहले ही सियासी ड्रामा शुरू हो चुका है. जहां एक तरफ राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर यह स्पष्ट किया है, कि 23 जून को होने वाले इस विपक्षी दलों की बैठक में वह शामिल नहीं हो पाएंगे जयंत चौधरी ने अपने पूर्व निर्धारित हो चुके कार्यक्रमों का हवाला देकर बैठक में आने में असमर्थता जताई लेकिन उनकी नाक के बाद से प्रदेश की राजनीति में चर्चाएं गर्म हो चुकी है.
जयंत की ना के बाद आपका अल्टीमेटम
बिहार की राजधानी पटना में सभी विपक्षी दलों की एक बैठक कल होने वाली है बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुल 17 राजनीतिक दलों को एक मंच पर लाने में कामयाबी हासिल की है इन सभी राजनीतिक दलों का उद्देश्य केंद्र की सत्ता से भारतीय जनता पार्टी को उखाड़ फेंकना है जिसके लिए यह बैठक आयोजित की गई है. आज सुबह ही रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी की एक चिट्ठी मीडिया में जारी की गई जिसमें यह साफ लिखा गया था कि वह इस बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे।
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जयंत चौधरी के इस फैसले के बाद से सियासी गलियारों में यह चर्चाएं तेज हो चुकी है कि जयंत चौधरी ने पटना में होने वाली बैठक से किनारा कर लिया है वहीं रालोद अब आम चुनाव के लिए एक अलग रूपरेखा तैयार कर रही है.
जयंत चौधरी के बाद आम आदमी पार्टी ने भी बैठक से पहले एक बड़ा कदम उठाते हुए कहा किस बैठक से पहले कांग्रेस अध्यादेश पर अपनी स्थिति को स्पष्ट करें अन्यथा आम आदमी पार्टी कल होने वाली इस बैठक को बायकॉट करेगी. इंदौर राजनीतिक फैसलों के बाद से कल की होने वाली बैठक अब और भी ज्यादा चर्चा में आ गई है जहां 1 दिन पहले ही दो राजनीतिक पार्टियों ने इस बैठक पर अपने अलग-अलग स्टैंड लिए।