Maharashtra Elections: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के पूर्व सियासत तेज हो गई है और विपक्षी गठबंधन एमवीए (महाविकास अघाड़ी) ने सरकार पर हमले शुरू कर दिए हैं। अब शिवसेना ने भी केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार पर मणिपुर हिंसा को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया है।
मोदी सरकार पर हमला
14 सितंबर, 2024 को ‘सामना’ के संपादकीय में शिवसेना ने मोदी सरकार की आलोचना की है। संपादकीय में कहा गया है कि मोदी सरकार रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए चिंतित है, जबकि मणिपुर में पिछले डेढ़ साल से जातीय हिंसा जारी है, जिसमें 200 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। ‘सामना’ ने आरोप लगाया कि मणिपुर हिंसा की चपेट में है, लेकिन मोदी सरकार इस पर चुप्पी साधे हुए है और उसकी स्थिति पर कोई ध्यान नहीं दे रही।
पीएम मोदी और अमित शाह पर लगाया आरोप
‘सामना’ ने पीएम मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। संपादकीय में कहा गया कि दोनों नेताओं की जिम्मेदारी और जवाबदेही से बचने की कोई गुंजाइश नहीं है। मणिपुर में बार-बार हो रही हिंसा केंद्र की मोदी सरकार की लापरवाही का परिणाम है। संपादकीय ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार मणिपुर में शांति स्थापित करने की बजाय रूस-यूक्रेन युद्ध पर ही ध्यान दे रही है।
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मणिपुर को लेकर केंद्र सरकार की चुप्पी
शिवसेना के मुखपत्र ने केंद्र सरकार की मणिपुर हिंसा पर चुप्पी को लेकर भी सवाल उठाए हैं। संपादकीय में कहा गया कि गुजरात में एक गणेश विसर्जन जुलूस पर पथराव के बाद सतर्क होने वाली केंद्र सरकार, मणिपुर में ड्रोन हमलों के बावजूद मौन है। शिवसेना ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मणिपुर की स्थिति से ज्यादा रूस-यूक्रेन युद्ध की चिंता है, जबकि मणिपुर की समस्याओं पर उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं है।
शिवसेना का शांति फॉर्मूला पर सवाल
‘सामना’ ने केंद्र सरकार की विदेश नीति पर भी सवाल उठाए हैं। संपादकीय में कहा गया कि मोदी सरकार ने रूस-यूक्रेन युद्ध के लिए एक ‘फोर पॉइंट फॉर्मूला’ तैयार किया है, लेकिन मणिपुर के लिए कोई शांति योजना नहीं है। शिवसेना ने पूछा है कि क्या केंद्र सरकार के पास मणिपुर में शांति स्थापित करने का कोई फॉर्मूला नहीं है? अगर ऐसा है, तो पहले मणिपुर की आग बुझाई जाए, फिर विदेश नीति पर ध्यान दिया जाए। चुनावी मौसम में ऐसे हमलों का उद्देश्य न केवल राजनीतिक लाभ उठाना होता है, बल्कि मौजूदा सरकार की नीतियों पर जनता का ध्यान भी आकर्षित करना होता है। यह स्थिति एक बार फिर दर्शाती है कि राजनीति और सियासत में मुद्दों की गंभीरता को किस प्रकार से भुनाया जाता है।
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