Lalitpur: अपर पुलिस महानिदेशक कानपुर जोन एवं पुलिस उप महानिरीक्षक झांसी, परिक्षेत्र झांसी के निर्देश के क्रम में पुलिस अधीक्षक ललितपुर मो0 मुश्ताक के निर्देशन में अपर पुलिस अधीक्षक जनपद ललितपुर अनिल कुमार एवं क्षेत्राधिकारी सदर अभय नारायण राय के निकट पर्यवेक्षण में थाना कोतवाली ललितपुर पुलिस व साइबर थाना की संयुक्त टीम द्वारा मुखविर की सूचना पर मुहल्ला चौकाबाग थाना कोतवाली ललितपुर से अभियुक्तगण-1.रोहित पटेल 2.प्रिसं उर्फ प्रहलाद सिंह 3.शिवेन्दु कुमार 4.मानसिंह 5.अंकित पटेल 6.प्रमोद कुमार शुक्ला 7.विजय कुमार को दिनांक -08.05.2024 को IPL क्रिकेट मैंच में एक मकान में आनलाइन सट्टा खेलते हुए पुलिस हिरासत मे लिया गया.
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अभियुक्तगणों ने पूछताछ में क्या बताया ?
गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों के कब्जे से कुल 6200 रूपये, 30 अदद मोबाइल फोन, 202 एक्टीवेटिड सिम, 02 पावर बैंक बरामद हुए. अभियुक्तगणों ने पूछतांछ में बताया कि हम लोगों का एक गिरोह है जिसमें प्रिसं उर्फ प्रहलाद हमारे गिरोह का मुख्य सदस्य है। हम सभी लोग किराये के मकान में जो कि भरत लाल पटेल का है उसमें इकठ्ठा होकर आनलाइन सट्टा खेलते हैं.
लोगों को व्हाट्सएप के माध्यम से जोड़कर IPL मैच में सट्टा खिलवाते हैं। हम लोग अपने -अपने मोबाइलों के माध्यम से पब्लिक के लोगों को IPL क्रिकेट मैच में आनलाइन सट्टा खिलाने वाली साइट को Whatsapp के जरिए जोड़ते है।
Whatsapp के माध्यम से कैसे किया स्कैम ?
Whatsapp पर उनको पेमेंट करने के लिये बार कोड व नंम्बर देते है। पेमेंट होने के बाद हम लोग उनको इन वेब साइटों के आईडी व पासवर्ड देते है। खिलाड़ी के जीतने या हारने के बाद हम उन्हे पैसा नगद देते है व ट्रान्सफर भी कर देते है। जो भी हिसाब मैच के बाद होता है वह हम सभी एक कापी में लिखकर बाद में आपस में बांट लेते हैं।
अभियुक्तों से बरामद सिमों के बारे में पूछा गया तो बताया के साहब ये सभी सिमें हम लोगो को विजय, मानसिंह, प्रानसिंह व प्रमोद शुक्ला के द्वारा अलग- अलग कम्पनियों एयरटेल/ वोडा/ जियो कम्पनी की उपलब्ध कराते हैं जो हमे सिम प्रदान करने वाले एजेन्टों के द्वारा कूटरचित इलैक्ट्रानिक उपकरणों/इलैक्ट्रानिक माध्यमों में हेरफेर करके फर्जी तरीके से निकालकर देते हैं जो दूसरे व्यक्तियों के नाम पर होती है।
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सिम का इस्तेमाल अपराधिक गतिविधियों में किया
आगे बताया कि, जिसके नाम पर सिम निकाला जाता है. उनको इस बात की जानकारी भी नही होती है कि उनके नाम पर निकाले गये सिम का इस्तेमाल अपराधिक गतिविधियों में हो रहा है और इन्ही सिमों के मोबाइल नम्बरो के माध्यम से हम अपने इन्ही मोबाइलों में भिन्न-भिन्न आईडी बनाते हैं और आनलाइन सट्टा खेलते हैं.
सट्टा बडी संख्या में खिलवाते है जिससे हमे अधिक धन लाभ होता है. फिर बाद में मौका पाकर हम सभी इन सिमों को दुबारा सिम प्रदान करने वाले एजेन्टों को दे कर के इन सिमों को साइबर अपराधियों को भी बेच देते हैं जो अन्य तरीकों से आनलाइन फ्राड करने वाले अपराधियों के द्वारा बैंक खातों में इन सिमों को लिंक करा देते हैं ताकि यदि पुलिस कोई कार्यवाही करें तो जिस व्यक्ति के नाम सिम हो वह पकड़ा जाये और हम लोग बच सके। साहब हम लोगो से गलती हो गयी हमे मांफ कर दीजिये।
सिम विक्रेता ने क्या कहा ?
फर्जी सिमो के सम्बन्ध में पूछतांछ में सिम विक्रेता मानसिंह, प्रमोद शुक्ला, विजय ने एक राय होकर बताया कि साहब हम लोग सिम दो तरीके से KYC करके सिम बेचतें हैं जिसमें से एक EKYC व दूसरा तरीका DKYC है। EKYC में हम लोगो को सिर्फ ग्राहक के आधार नं0 तथा उसके फिंगर प्रिन्ट की आवश्यकता होती है तथा DKYC में हमे पहले आरिजनल आधार कार्ड की दोनो तरफ की फोटो, ग्राहक की फोटो, और हमारी (POS एजेन्ट) की फोटो लेनी होती है।
किस तरह ग्राहक को गुमराह किया ?
इसी प्रकार जब कोई ग्राहक सिम खरीदने आता है तो हम उसको गुमराह करके पहले उससे सिम जारी होगी या नही यह चैक करने के नाम पर उसका आधार नं0 लेकर व फिंगर प्रिन्ट लगवाकर उसके नाम पर सिम निकाल लेते हैं. दुबारा से सिम चालू करने की कहकर DKYC के माध्यम से सिम निकालकर ग्राहक को दे देते हैं। जो पहली सिम हमने EKYC के माध्मय से निकाली थी वह हम अपने पास रख लेते हैं जिसके बारे में ग्राहक को पता भी नही चलता है।
इसी प्रकार हम सिमे निकालकर IPL मैच में आनलाइन सट्टा खिलाने के लिये अपने गिरोह के सदस्यों के माध्यम से अलग अलग लोगो दे देते थे तथा हम लोगो ने साइबर अपराधियों को भी राजस्थान, गुजरात ,दिल्ली आदि राज्यों में भारी मात्रा में सिमे बेच दी है. हमे काफी अच्छा लाभ प्राप्त हुआ है। सभी 7 अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करके न्यायालय के समक्ष पेश किया जा रहा है।
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