PM-Vidyalaxmi Scheme Details: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने देश के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को उच्च शिक्षा में वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना (Pradhan Mantri Vidyalaxmi Yojana) को मंजूरी दे दी है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के तहत ऐसे परिवार, जिनकी वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम है, उनके बच्चों को 3% ब्याज सब्सिडी के तहत 10 लाख रुपये तक का शिक्षा ऋण दिया जाएगा.अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है ताकि आर्थिक बाधाओं के कारण किसी भी छात्र की उच्च शिक्षा की राह न रुके.
ऋण सुविधा में खास सुविधाएं
बताते चले कि, इस योजना के अंतर्गत योग्य छात्रों को बिना किसी गारंटी और जमानत के लोन की सुविधा दी जाएगी, ताकि छात्र ट्यूशन फीस और अन्य शैक्षिक खर्चों को आसानी से पूरा कर सकें. योजना के तहत छात्रों को देश के शीर्ष 860 गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिला लेने पर यह लोन मिलेगा. इससे करीब 22 लाख से अधिक छात्रों को हर साल इस योजना का लाभ मिलेगा. अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने यह भी बताया कि 7.5 लाख रुपये तक के लोन पर भारत सरकार (Government of India) की ओर से 75% क्रेडिट गारंटी दी जाएगी. इस गारंटी से बैंकों को भी सहायता मिलेगी और वे ज्यादा से ज्यादा छात्रों को लोन प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित होंगे.
UGC अध्यक्ष ने खुशी जाहिर की
UGC के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार (M. Jagadeesh Kumar) ने इस योजना की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से कमजोर वर्गों के छात्रों को बिना किसी गारंटर के आसानी से 7.5 लाख रुपये तक का लोन मिलेगा. इससे कई छात्रों को फायदा होगा और वे उच्च शिक्षा के सपने को साकार कर सकेंगे.
NIRF रैंकिंग पर आधारित संस्थानों में लागू होगी योजना
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना केवल राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग ढांचा (National Institutional Ranking Framework) में टॉप 100 में आने वाले गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा संस्थानों पर लागू होगी. इसमें NIRF रैंकिंग में 101-200 के बीच रैंक पाने वाले राज्य सरकार के उच्च शिक्षा संस्थान और केंद्र सरकार द्वारा संचालित सभी संस्थान भी शामिल होंगे. यह सूची हर साल NIRF की ताजा रैंकिंग के आधार पर अपडेट की जाएगी और शुरुआत में 860 योग्य संस्थानों के साथ 22 लाख से अधिक छात्रों को इस योजना का लाभ मिलेगा. इस योजना का उद्देश्य स्पष्ट है – उच्च शिक्षा में छात्रों को वित्तीय संकट से राहत देना और उन्हें उच्च शिक्षा के मार्ग में वित्तीय बाधा से मुक्त करना.