G-20 summit 2023: जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन भारत कर रहा है। यह सम्मेलन राजधानी दिल्ली में आयोजित होगा। जी-20 को लेकर दिल्ली में तैयारियां तेज हो गई है। दिल्ली को बिल्कुल दुल्हन की तरह से सजाया गया है। 9-10 सितंबर को नई दिल्ली में G-20 सम्मेलन मे दुनियाभर के शक्तिशाली देशों के नेता जुटेंगे। सभी 20 देशों के नेता भारत की मेजबानी में जी-20 समिट के मंच पर इकट्ठा होंगे। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जापान, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया समेत 19 देशों के राष्ट्राध्यक्ष इसमें शामिल होंगे। 20 शिखर सम्मेलन पूरी दिल्ली में सुरक्षा के कड़े व्यापक इंतजाम किए गए है।
20 देश के नेता लेंगे G-20 में भाग
20 देशों के इस समूह का सम्मेलन 8 सितंबर को नई दिल्ली में शुरू होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में होने वाली जी 20 की बैठक को ऐतिहासिक बताया है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन समेत कई राष्ट्राध्यक्ष इस समिट में शामिल होंगे। इसके साथ ही रूस और चाइना के राष्ट्राध्यक्षों ने इस सम्मलेन में आने में असमर्थता जाहिर की है। 9 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी जी20 शिखर सम्मेलन से इतर ब्रिटेन, जापान, जर्मनी और इटली देशों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। 10 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ लंच मीटिंग करेंगे। इसके साथ ही साथ ही कनाडा के पीएम के साथ अलग बैठक करेंगे। इनके अलावा प्रधानमंत्री मोदी कोमोरोस, तुर्किए, संयुक्त अरब अमीरात, दक्षिण कोरिया, यूरोपीय यूनियन, यूरोपीय कमीशन, ब्राजील और नाइजीरिया के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।
G-20 में भाग लेने पहुंच रहे विदेशी नेता
भारत की राजधानी दिल्ली में आयोजित G-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दुनिया भर के नेताओं का भारत आना शुरू हो गया है। दुनिया के सामने भारत की सॉफ्ट पावर को मजबूत करने का भारत के पास यह एक अच्छा मौका है। सूत्रों के मुताबिक भारत इस सम्मेलन के जरिए अपनी विदेश नीति को भी मजबूती देने की तैयारी कर रहा है। दरअसल शिखर सम्मेलन से इतर पीएम मोदी दुनिया के शीर्ष नेताओं के साथ 15 से ज्यादा द्विपक्षीय बैठकें करेंगे।
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दिल्ली के प्रगति मैदान में बनाए गए भारत मंडपम
राजधानी नई दिल्ली में शनिवार और रविवार को G20 शिखर सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है। इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए दुनिया के 20 देश के नेता राष्ट्र प्रमुख दिल्ली पहुंच रहे है। इस शिखर सम्मेलन का मुख्य कार्यक्रम दिल्ली के प्रगति मैदान में बनाए गए भारत मंडपम में होगा। इसके आलावा कुछ कार्यक्रम दिल्ली के अलग-अलग स्थलों पर आयोजित होंगे।
शनिवार को सुबह 9 बजकर 30 मिनट पर सभी देशों और शिष्टमंडलों के नेता भारत मंडपम में पहुंच जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आयोजन स्थल पर सभी नेताओं का व्यक्तिगत रूप से स्वागत करने के लिए मौजूद रहेंगे। 10 बजकर 30 मिनट पर सम्मेलन का पहला सत्र शुरू होगा। इसके बाद सभी से द्विपक्षीय मुलाकातें होंगी, और फिर सम्मेलन का दूसरा सत्र होगा।
सम्मेलन स्थल पर ही रात्रि भोज का कार्यक्रम रखा गया है। रविवार को सुबह नेता गण राजघाट जाएंगे और महात्मा गांधी की प्रतिमा पर फूल अर्पित कर श्रद्धांजलि देंगे। इसके बाद में वे प्रगति मैदान में पौधरोपण करेंगे। इसके बाद सम्मेलन का तीसरा सत्र शुरु होगा। सभी सत्र के बाद सम्मेलन का समापन समारोह होगा।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
दिल्ली में मेहमानों की सुरक्षा के बंदोबस्त चाक चौबंद कर दिए गए है। आयोजन स्थलों को फुलप्रूफ बनाने के लिए सुरक्षा बल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉड्यूल का इस्तेमाल कर रही है। सुरक्षा के लिहाज से दिल्ली में 50 हजार सुरक्षा बल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉड्यूल का इस्तेमाल कर रही है। सुरक्षा के लिहाज से दिल्ली में 50 हजार पुलिस के जवानों समेत 1.5 लाख सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। इसी के साथ, दिल्ली में एंटी टेरर स्क्वॉड भी तैनात की जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ के रक्षकों की पचास टीमे तैयार की गई हैं जिसमें लगभग 1000 जवान शामिल होंगे। इसके अलावा 300 बुलेटप्रुफ वाहनों को भी तैयार किया जा रहा है। डिप्लोमैटिक एनक्लेव के पास भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन और भारतीय सेना ने स्वदेशी एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात किया है। इसे काउंटर-ड्रोन सिस्टम भी बुलाया जाता है. इसमें दो तरह की तकनीक काम करती है।