आज का दिन भारत के लिए इतिहास में बेहद खास अहमियत रखता है। आज महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती है। लाल बहादुर शास्त्री जी ने देश को आजाद करवाने में कई महापुरुषों की तरह अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
Lal Bahadur Shastri Jayanti : भारत के इतिहास में 2 अक्टूबर का दिन बेहद खास माना जाता है। इस दिन देश को एक ही नहीं, बल्कि दो रत्न हासिल हुए थे। बता दे कि आज गांधी जयंती के साथ ही इस दिन शास्त्री जी की भी जयंती मनाई जाती है। लाल बहादुर शास्त्री का जीवन सादगी, ईमानदारी और कर्तव्यपरायणता का आदर्शपूर्ण उदाहरण है। उन्होंने देश को ‘जय जवान जय किसान’ का नारा दिया। लेकिन उनके जीवन का अंत बहुत रहस्यमी रहा। बता दे कि वह एक ऐसे प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने कभी अपने पद का कोई लाभ नहीं लिया और निस्वार्थ भाव से देश की सेवा की।
प्रेरणा का स्त्रोत हैं शास्त्रीजी…
उनकी इसी खासियत की वजह से आज शास्त्री का जीवन और उनके विचार हमारे लिए प्रेरणा का स्त्रोत बने हुए हैं। आज उनकी जयंती के मौके पर आपको बताएंगे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के उन अनमोल विचारों के बारे में, जिन्हें पढ़कर आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आएंगे।
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प्रधानमंत्री बने लाल बहादुर शास्त्री…
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-लाल बहादुर शास्त्री की 119वीं जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित की #LalBahadurShastriJayanti #LalBahadurShastri #PMModi #MahatmaGandhi #GandhiJayanti2023 Mahatma Gandhi Lal Bahadur pic.twitter.com/ELKAtpKcNz
— Prime Tv (@primetvindia) October 2, 2023
पंडित जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद लाल बहादुर शास्त्री देश के दूसरे प्रधानमंत्री बने। उन्होंने 09 जून 1964 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। वे केवल डेढ़ साल के लिए ही प्रधानमंत्री पद पर रह सके और इसके बाद 11 जनवरी 1966 को रहस्यमी तरीके से उनकी मौत हो गई। उनके रहस्यमी मौत की कहानी भी अबतक रहस्यमय ही है। कहा जाता है कि, दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हुई वहीं यह भी कहा जाता है कि, उन्हें जहर देकर मारा गया था।
अहिंसा और शांति का पालन करे…
लाल बहादुर शास्त्री गांधीजी के अहिंसा और शांति के मूल्यों के प्रति समर्पित थे। उन्होंने विश्व शांति और सहमति के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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अहिंसा लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत: योगी
सादगी एवं सदाचार की प्रतिमूर्ति, पूर्व प्रधानमंत्री,'भारत रत्न' लाल बहादुर शास्त्री जी की पावन जयंती के अवसर पर आज गोरखपुर में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
श्रद्धेय शास्त्री जी को नमन! pic.twitter.com/CSd6zmFn2Y
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महात्मा गांधी की 154वीं जयंती पर उत्तर प्रदेश CM योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘पूरा देश आजादी के महानायक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 154वीं जयंती पर पूज्य बापू को नमन कर रहा है। भारत की आजादी के आंदोलन में बापू ने देश को अहिंसा का जो मार्ग दिखाया था वह लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है। इस अवसर पर PM मोदी के आह्वान पर पूरे प्रदेश में स्वच्छता अभियान चल रहा है।’
शास्त्री जी की मौत और ताशकंद की कहानी
1965 में पाकिस्तान के साथ भारत की जंग हो गई। इस जंग के बाद भारत और पाकिस्तन के बीच कई बार बातचीत के बाद एक दिन और स्थान चुना गया, यह स्थान था ताशकंद। सोवितय संघ के तत्कालीन पीएम ने एलेक्सेई कोजिगिन ने इस समझौते की पेशकश की और इस समझौते के लिए 10 जनवरी 1966 का दिन तय हुआ। समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद 11 जनवरी 1966 की रात रहस्यमयी परिस्थियों में लाल बहादुर शास्त्री जी की मौत हो गई।
जय जवान जय किसान का नारा…
लाल बहादुर शास्त्री जी ‘जय जवान जय किसान’ नारे के उद्घोषक थे। जब वे प्रधानमंत्री बने तब देश में अनाज का संकट था और मानसून भी कमजोर था। ऐसे में देश में अकाल की नौबत आ गई थी। अगस्त 1965 में दशहरे के दिन दिल्ली के रामलीला मैदान में लाल बहादुर शास्त्री जी ने पहली बार जय जवान जय किसान का नारा दिया। इस नारे को भारत का राष्ट्रीय नारा भी कहा जाता है, जोकि किसान और जवान के श्रम को दर्शाता है। साथ ही उन्होंने लोगों से हफ्ते में एक दिन का उपवास भी रखने को कहा और खुद भी ऐसा किया।
देश के लिए लाल बहादुर शास्त्री जी के अहम कार्य
- शास्त्री जी भारत के पहले आर्थिक सुधारक थे।
- लाल बहादुर शास्त्री जी ने परमाणु बम परियोजना शुरू की।
- हरित और श्वेत क्रांति की शुरुआत भी शास्त्री जी ने की।
- दूध के व्यापार से उन्होंने देश को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाया।
- भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान उन्होंने देश का नेतृत्व किया।
- सैनिकों और किसानों के मनोबल बढ़ाने के लिए शास्त्री जी ने ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया।