PM Modi on Gaza: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को न्यूयॉर्क में फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के साथ एक महत्वपूर्ण मुलाकात की। इस दौरान पीएम मोदी ने गाजा क्षेत्र में बिगड़ती मानवीय स्थिति पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत हमेशा फिलिस्तीनी लोगों के समर्थन में खड़ा रहेगा।
गाजा में स्थिति की गंभीरता पर की चर्चा
मोदी-अब्बास की यह मुलाकात न्यूयॉर्क के लोटे न्यूयॉर्क पैलेस होटल में हुई। मोदी ने इस वार्ता में गाजा में मानवीय संकट पर अपनी चिंताओं को स्पष्ट किया, साथ ही यह भी बताया कि भारत फिलिस्तीन के लोगों की सहायता के लिए हमेशा तत्पर है। इस मुलाकात के जरिए उन्होंने एक बार फिर से भारत के सहयोग और समर्थन का संदेश दिया।
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क्वाड नेताओं ने दो-राज्य समाधान पर दिया जोर
इस बीच, क्वाड नेताओं ने इजराइल-फिलिस्तीन मुद्दे पर दो-राज्य समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने एक संयुक्त बयान में कहा कि इस समाधान को लागू करने के लिए इजरायल की सुरक्षा चिंताओं का ध्यान रखा जाना चाहिए, वहीं स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना के प्रति भी प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है। क्वाड नेताओं ने चेतावनी दी कि कोई भी एकतरफा कार्रवाई, जो दो-राज्य समाधान की संभावना को कमजोर करती है, उसे रोका जाना चाहिए।
युद्ध विराम और कूटनीति का किया आह्वान
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष के समाधान के लिए युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई आवश्यक है। उन्होंने वार्ता और कूटनीति के मार्ग पर लौटने का आह्वान किया। मोदी ने कहा कि केवल दो राष्ट्रों का समाधान ही इस क्षेत्र में स्थायी शांति और स्थिरता की गारंटी दे सकता है। भारत, जो फिलिस्तीन को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था, ने हमेशा फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों का समर्थन किया है। पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत फिलिस्तीन की संयुक्त राष्ट्र में सदस्यता के लिए अपना समर्थन जारी रखेगा।
मानवीय सहायता की हो पहल
इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष के संदर्भ में, भारत ने गाजा में मानवीय स्थिति को लेकर अपनी चिंताओं को साझा किया है। 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए हमास के हमले की निंदा करने वाले मोदी पहले वैश्विक नेताओं में से एक थे। इसके साथ ही, भारत ने अपनी मानवीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए गाजा के लोगों को सहायता पहुँचाने की कोशिशें भी जारी रखी हैं। जुलाई में, भारत ने फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (UNRWA) को 2.5 मिलियन डॉलर की सहायता राशि की पहली किश्त जारी की थी।
इस प्रकार, पीएम मोदी की यह मुलाकात न केवल भारत के स्थायी समर्थन को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष के समाधान में सक्रिय भूमिका निभाने को तत्पर है। गाजा में बिगड़ती मानवीय स्थिति को लेकर चिंता और दो-राज्य समाधान की वकालत, यह सब भारत की विदेश नीति के प्रमुख पहलुओं में से एक है।
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