PM Modi In Singapore: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय अपनी विदेश यात्रा के दूसरे चरण में सिंगापुर (Singapore) पहुंचे हैं। बुधवार, 4 अगस्त को सिंगापुर में उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। यहां प्रवासी भारतीयों ने उन्हें ढोल की थाप पर नाचते हुए और गर्मजोशी से स्वागत किया। सोशल मीडिया पर पीएम मोदी का ढोल बजाते हुए वीडियो तेजी से वायरल हो गया, जिससे यह पल खास बन गया। पीएम मोदी ने भी इस पल का लुफ्त उठाते हुए दी महाराष्ट्रियन धुन पर ढोल बजाते हुए नजर आए।
प्रधानमंत्री मोदी सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग और राष्ट्रपति थर्मन शानमुगरत्नम से मुलाकात करेंगे। उनकी इस यात्रा में सिंगापुर के व्यापारिक नेताओं के साथ भी महत्वपूर्ण बैठकें होंगी। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा सिंगापुर में लगभग छह साल बाद हो रही है, इस दौरान उन्होंने होटल में ठहरने के दौरान मौजूद लोगों को ऑटोग्राफ भी दिया और एक महिला ने उन्हें राखी बांधी। इसके अलावा, कई लोग उनके साथ सेल्फी लेने के लिए उत्सुक नजर आए। चांगी हवाई अड्डे पर अधिकारियों ने भी प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत किया।
ब्रुनेई में हुई द्विपक्षीय बातचीत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी यात्रा के पहले चरण में ब्रुनेई का दौरा किया। बुधवार को ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया के साथ उनकी द्विपक्षीय मुलाकात हुई। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 40 साल पूरे होने का जश्न मनाया जा रहा है और इस दोस्ती की नींव सांस्कृतिक परंपराओं पर आधारित है। पीएम मोदी ने भारत की एक्ट ईस्ट नीति और इंडो-पैसिफिक विजन में ब्रुनेई की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि ब्रुनेई भारत के लिए एक उज्ज्वल भविष्य की गारंटी है और दोनों देशों के बीच भावनाओं का सम्मान किया जाता है। मोदी ने विश्वास जताया कि उनकी यात्रा और चर्चाएं आने वाले समय में दोनों देशों के संबंधों को एक नई रणनीतिक दिशा प्रदान करेंगी।
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का राजनीतिक महत्व
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस यात्रा को भारतीय राजनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सिंगापुर और ब्रुनेई के साथ द्विपक्षीय बातचीत से भारत की विदेश नीति और क्षेत्रीय सहयोग को नई दिशा मिल सकती है। ब्रुनेई में मोदी की मुलाकात ने जहां सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रिश्तों को मजबूत करने का संदेश दिया, वहीं सिंगापुर में व्यापारिक और कूटनीतिक संबंधों को भी मजबूत किया है। इन मुलाकातों से न केवल दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और सहयोग बढ़ेगा, बल्कि भारत की एक्ट ईस्ट नीति को भी समर्थन मिलेगा।