Parliament News : आज के ही दिन 22 साल पहले भारतीय संसद पर आतंकवादी हमला हुआ था। जिसमें कई लोगों की जान गई थी।यह हमला13 दिसंबर 2001, सुबह के 11 बजकर 30 मिनट पर हुआ था।जैश ए मोहम्मद के पांच आतंकियों ने लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर पर घुसने की कोशिश की थी, लेकिन हमारे वीर जवानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर देश के दुश्मनों को मौत के घाट उतार दिया और खुद भी देश के लिए मर मिटे थे। वहीं आज संसद के शीत सत्र के आठवें दिन पीएम नरेंद्र मोदी सुबह-सुबह ही संसद भवन पहुंच गए। जहां उन्होनें संसद पर हुए हमलों को लेकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी, साथ ही इस दौरान पीए ममोदी ने संसद भवन पर हमले में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना भी दी, साथ ही पीएम मोदी बच्चों के साथ घुलतेृ-मिलते भी दिखाई दिए।
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PM मोदी के साथ ये नेता भी रहे मौजूद..
इस दौरान पीएम मोदी के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे। इस दौरान पीएम मोदी ने संसद भवन पर हमले में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना भी दी।
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जानें क्या है पूरा मामला..
आपके जानकारी के लिए बता दें कि यह हमला 13 दिसंबर 2001, सुबह के 11 बजकर 30 मिनट पर हुआ था, जहां रोजना की तरह संसद भवन में चल रहे थे, इस दौरान शीतकालीन सत्र चल रहा था, वहीं कुछ देर के लिएलोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित थी,इस दौरान करीब 200 सांसद उस समय भी संसद भवन के अंदर थे,सुरक्षाकर्मी भी संसद भवन में मौजूद थे, जिसके बाद अचानक सफेद रंग की एंबेसेडर कार संसद भवन में प्रवेश करती है, और सुरक्षाकर्मी गाड़ी को रोकने के लिए उसके पीछे भागते हैं, जिसके बाद गाड़ी के पीछे भागते देख उपराष्ट्रपति कृष्णकांत शर्मा के सुरक्षाकर्मी एएसआई जीत राम, एएसआई नानक चंद और एएसआई श्याम सिंह अपना पोजिशन ले लेते हैं और वो लोग भी गाड़ी को रोकने की कोशिश करते हैं, लेकिन उस दौरान अपना वो लोग अपना नियंत्रण खोने की वजह से गाड़ी उपराष्ट्रपति की कार से टकराती है।
जिसके बाद एक दम से पांच आतंकवादी उतरते ही गोलियों की बौछार करने लगते हैं, सभी के हाथ में एके-47 थे, उनके पीठ पर गोले और बारूद भरे थे। वहीं आतंकवादियों ने 45 मिनट तक संसद भवन में गोली बरसाये, और आतंकवादी लगातार संसद भवन के अंदर घुसने की कोशिश कर रहे थे, इसी बीच सुरक्षाकर्मी, दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने भी मोर्चा संभाल लिया, दोनों ओर से गोलियों की बौछार शुरू हो गई, आतंकवादी लगातार अपना पोजिशन बदल रहे थे, सुरक्षाकर्मियों ने संसद भवन के अंदर जाने वाले सभी दरवाजों को बंद कर दिया और सभी गेट पर पोजिशन ले लिया।
इस हमले में 9 जवान शहीद हुए थे..
बता दें कि इस हमले में 9 जवान शहीद हो गए और 16 जवान घायल हुए थे, शहीद होने वाले जवानों में जगदीश प्रसाद यादव, मातबर सिंह नेगी, नानक चंद, रामपाल, ओमप्रकाश, बिजेन्द्र सिंह, घनश्याम, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक महिला कांस्टेबल कमलेश कुमारी और सीपीडब्ल्यूडी के एक कर्मचारी देशराज शामिल थे। वहीं हमले की साजिश रचने वाले अफजल गुरु को हमले के दो दिन बाद गिरफ्तार किया गया था, जिसे 12 साल के बाद फासीं की सजा मिली थी।