पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आज, (21 दिसंबर 2024) को कोई खास बड़ा बदलाव नहीं हुआ है, हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी है। घरेलू बाजार में तेल की कीमतें फिलहाल स्थिर बनी हुई हैं, लेकिन कुछ राज्यों और शहरों में राज्य सरकारों की नीतियों के मुताबिक, मामूली बदलाव हो सकते हैं। यह बदलाव स्थानीय वैट और अन्य करों के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं।
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पेट्रोल और डीजल की लेटेस्ट कीमत
दिल्ली: पेट्रोल – ₹96.72, डीजल – ₹89.62
मुंबई: पेट्रोल – ₹106.31,डीजल – ₹94.27
कोलकाता: पेट्रोल – ₹104.65,डीजल – ₹91.41
चेन्नई: पेट्रोल – ₹102.63,डीजल – ₹92.01
बेंगलुरु: पेट्रोल – ₹101.94,डीजल – ₹89.56
तेल विपणन कंपनियाँ
OMC हर दिन सुबह 6 बजे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में संशोधन करती हैं, जो वैश्विक कच्चे तेल के बाजार रुझानों और मुद्रा विनिमय दरों के आधार पर होते हैं। यह प्रक्रिया उपभोक्ताओं को पारदर्शी और सटीक मूल्य निर्धारण सुनिश्चित करने में मदद करती है। जब कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती या घटती हैं, तो इसका असर पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर होता है, जो प्रत्येक राज्य और शहर में स्थानीय करों के कारण भिन्न हो सकती है।
कच्चे तेल की कीमतों के प्रभाव
कच्चे तेल की कीमतें पेट्रोल और डीजल की कीमतों का सबसे प्रमुख निर्धारण कारक हैं। जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती या घटती हैं, तो इसका सीधा असर पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर पड़ता है, जो आमतौर पर पेट्रोल पंपों पर देखे जाते हैं।कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के कारण ही घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है।
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विनिमय दर
भारत अधिकतर कच्चे तेल का आयात करता है, और इस कारण रुपया-डॉलर विनिमय दर का पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।भारत को अपनी तेल जरूरतों को पूरा करने के लिए कच्चा तेल मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय बाजार से आयात करना पड़ता है। चूंकि कच्चे तेल की कीमतें अमेरिकी डॉलर में निर्धारित होती हैं, इसलिए भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर होने पर आयात की लागत बढ़ जाती है। जब रुपये की कीमत डॉलर के मुकाबले गिरती है, तो भारत को कच्चा तेल खरीदने के लिए अधिक रुपये खर्च करने पड़ते हैं, जिससे तेल विपणन कंपनियों के लिए कच्चे तेल की कीमतें बढ़ जाती हैं।
कर
केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए उत्पाद शुल्क (Excise Duty) और मूल्य वर्धित कर (VAT) पेट्रोल और डीजल की कीमतों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और इन करों का स्तर हर राज्य में अलग-अलग हो सकता है, जिससे पूरे देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भिन्नताएं आती हैं।
शोधन लागत
कच्चे तेल को ईंधन में बदलने की प्रक्रिया यानी शोधन (refining) भी पेट्रोल और डीजल की लागत में महत्वपूर्ण योगदान करती है। शोधन वह प्रक्रिया है, जिसमें कच्चे तेल को विभिन्न उपयोगी ईंधन (जैसे पेट्रोल, डीजल, केरोसिन, और अन्य उत्पाद) में बदला जाता है। यह प्रक्रिया काफी जटिल और महंगी होती है, और इसके परिणामस्वरूप ईंधन की कुल लागत पर प्रभाव पड़ता है।
ईंधन की मांग
पीक सीजन के दौरान बढ़ी हुई मांग भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों को प्रभावित कर सकती है। जब किसी विशेष समय में ईंधन की मांग अधिक होती है, तो इसका सीधा असर आपूर्ति और मांग के सिद्धांत पर पड़ता है, जिससे कीमतों में वृद्धि हो सकती है।
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मई 2022 से स्थिर कीमतें
भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें मई 2022 से स्थिर बनी हुई हैं। इसके बाद, केंद्र और राज्य सरकारों ने उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए करों में कमी की है। हालांकि, सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए उत्पाद शुल्क, मूल्य निर्धारण तंत्र और मूल्य सीमा जैसे उपायों का इस्तेमाल करती है।इस प्रकार, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में दैनिक संशोधन उपभोक्ताओं को वैश्विक और स्थानीय दोनों कारकों से प्रभावित ईंधन लागत के बारे में जानकारी प्रदान करता है।