Parliament Budget Session: सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट (Economic Survey Report) पेश करेंगी, जिसमें बीते वित्तीय वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया जाएगा। इस रिपोर्ट में सरकार की नीतियों और विकास कार्यक्रमों के परिणामों का लेखा-जोखा भी शामिल होगा। यह दस्तावेज बजट से एक दिन पहले पेश किया जाता है और इसमें रोजगार, जीडीपी, महंगाई और बजट घाटे के आंकड़ों का विश्लेषण होता है।
Read more: Rajouri Terror Attack: राजौरी में सेना की पोस्ट पर आतंकी हमला, एक जवान घायल; मुठभेड़ जारी
अर्थव्यवस्था के तीन अहम हिस्से
- विकास संभावनाएं और चुनौतियां: आर्थिक सर्वेक्षण में अर्थव्यवस्था के विकास की संभावनाओं के साथ चुनौतियों और विकास दर बढ़ाने संबंधी नीतियों की जानकारी दी जाती है।
- विभिन्न क्षेत्रों का प्रदर्शन: इसमें अर्थव्यवस्था से जुड़े अलग-अलग क्षेत्रों के बीते वर्ष में हुए कार्यों के प्रदर्शन को रखा जाता है।
- महंगाई, रोजगार और उत्पादन: सर्वेक्षण में महंगाई, रोजगार, आयात-निर्यात और बीते एक वर्ष में देश के विभिन्न क्षेत्रों में हुए उत्पादन की जानकारी होती है।
Read more: Monsoon Session 2024: विशेष राज्य के दर्जे पर गरमाई राजनीति, सर्वदलीय बैठक में उठी मांग
आम बजट की मुख्य संभावनाएं
मध्यवर्ग के लिए टैक्स राहत: इस बार के बजट में सरकार से आयकर दरों में बदलाव और निवेश की सीमा को बढ़ाने की उम्मीद की जा रही है। आयकर अधिनियम की धारा-80सी के तहत निवेश की छूट को डेढ़ लाख रुपये से बढ़ाकर दो से ढाई लाख रुपये किया जा सकता है। इसके साथ ही आयकर स्लैब में भी परिवर्तन की संभावना है।
युवा और रोजगार पर जोर: आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए, सरकार का फोकस रोजगार बढ़ाने पर रहेगा। रोजगार पैदा करने वाले क्षेत्रों के लिए नई घोषणाएं की जा सकती हैं। स्किल डेवलपमेंट को बढ़ावा देने और खेल बजट में भी बढ़ोतरी की संभावना है।
सस्ती आवासीय सुविधा: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार का लक्ष्य देश भर में पांच करोड़ आवास बनाने का है। मोदी 3.0 सरकार की पहली कैबिनेट में ही तीन करोड़ पक्के घर बनाने को मंजूरी मिली है। बजट में इसके लिए धनराशि निर्धारित की जाएगी और सस्ते दरों पर लोन मुहैया कराने की योजना का ऐलान हो सकता है।
आधारभूत ढांचा विकास: सरकार ने अंतरिम बजट में 11.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च का लक्ष्य रखा था। देश में सड़क, मेट्रो, रेल, एयरपोर्ट और बंदरगाहों जैसे आधारभूत ढांचे के विकास के लिए बजट आवंटित किया जाएगा। इसके साथ ही नई परियोजनाओं का भी ऐलान हो सकता है।
खेती-किसान के लिए नई योजनाएं: किसानों को राहत देने के लिए सरकार किसान सम्मान निधि राशि को बढ़ाकर 10-12 हजार रुपये सालाना तक कर सकती है। इसके साथ ही कृषि उत्पादों पर सब्सिडी बढ़ाने और जीएसटी कम करने के फैसले भी लिए जा सकते हैं।
Read more: Maharashtra की राजनीति में नया मोड़! पूर्व BJP मंत्री माधवराव किन्हालकर NCP में शामिल
राजनीतिक दृष्टिकोण से बजट की महत्वता
इस बजट को एनडीए (NDA) की साझा सरकार का पहला बजट माना जा रहा है। चुनावी साल होने के कारण सरकार किसी वर्ग पर बोझ डालने से बचेगी और सभी वर्गों को राहत देने की कोशिश करेगी। सरकार की यह रणनीति स्पष्ट करती है कि वह जनता के हितों को प्राथमिकता दे रही है। आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey Report) और आम बजट (Budget) देश की आर्थिक दिशा को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस बार के बजट से विशेष उम्मीदें हैं, खासकर जब देश कई चुनावों की ओर बढ़ रहा है। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बजट में दिए गए प्रावधानों का लाभ सीधे जनता तक पहुंचे। युवा, किसान और मध्यवर्गीय परिवारों को ध्यान में रखते हुए बजट तैयार किया जाना चाहिए।
इस बजट से देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी। साथ ही, आधारभूत ढांचे के विकास से देश की आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। किसानों के लिए नई योजनाएं और सब्सिडी बढ़ाने से कृषि क्षेत्र में सुधार होगा। कुल मिलाकर, यह बजट देश की आर्थिक स्थिति को मजबूती देने और सभी वर्गों को राहत प्रदान करने में सहायक साबित हो सकता है। सरकार को इस बजट को जनहितैषी बनाना चाहिए और सभी वर्गों की उम्मीदों पर खरा उतरना चाहिए।