Paris Paralympics 2024: पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत का तिरंगा एक बार फिर ऊंचा लहराया, जब युवा शटलर नित्या श्री सिवन (Nitya Sri Sivan) ने कांस्य पदक अपने नाम कर देश को गर्व का एक और मौका दिया। 19 वर्षीय नित्या ने महिला एकल एसएच6 स्पर्धा में इंडोनेशिया की रीना मार्लिना को सीधे सेटों में 21-14, 21-6 से हराकर यह ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
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लगातार दूसरी बार पदक जीतकर रचा इतिहास
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से ताल्लुक रखने वाली नित्या ने पिछले 11 महीनों में अपनी दूसरी बड़ी कामयाबी हासिल की है। इससे पहले, उन्होंने अक्टूबर 2023 में हुए एशियन पैरा गेम्स में भी कांस्य पदक जीता था। नित्या ने उस समय न केवल एकल में बल्कि युगल मुकाबले में भी अपने प्रदर्शन का लोहा मनवाया था, जहां उन्होंने कांस्य पदक जीता था। इस प्रकार, पेरिस पैरालंपिक में अपनी हालिया जीत के साथ, नित्या ने यह साबित कर दिया कि वह भारतीय बैडमिंटन के भविष्य की एक उभरती हुई सितारा हैं।
भारत के शानदार प्रदर्शन में नित्या का योगदान
पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारतीय दल ने बैडमिंटन में शानदार प्रदर्शन किया है। नित्या श्री सिवन के कांस्य पदक जीतने से पहले, भारत ने इस स्पर्धा में एक स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य पदक हासिल किया था। पुरुष एकल एसएल3 स्पर्धा में कुमार नितेश ने स्वर्ण पदक जीता, जबकि उत्तर प्रदेश के नौकरशाह सुहास एलवाई ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया। नित्या की इस जीत ने भारत के पदक संग्रह में एक और पदक जोड़ दिया है, जिससे भारत की कुल पदक संख्या 15 हो गई है।
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भारत की ओवरऑल पदक तालिका में उछाल
नित्या के कांस्य पदक जीतते ही भारत ने ओवरऑल पदक तालिका में 15वें स्थान पर अपनी जगह बना ली है। भारत के खाते में अब तक तीन स्वर्ण, पांच रजत, और सात कांस्य पदक आ चुके हैं। भारतीय खिलाड़ियों का यह शानदार प्रदर्शन न केवल खेल प्रेमियों के लिए गर्व का विषय है, बल्कि पूरे देश के लिए यह एक यादगार पल है।
महिलाओं की एकल स्पर्धा एसयू5 में भी भारतीय खिलाड़ियों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। टी मुरुगेसन ने रजत पदक जीता, जबकि मनीषा रामादास ने कांस्य पदक हासिल किया। इसके बाद, नित्या ने दिन के अंतिम मुकाबले में भारत की झोली में एक और कांस्य पदक डालकर देश का नाम रोशन किया।
नित्या की सफलता का संदेश
नित्या श्री सिवन की इस जीत से साफ है कि भारतीय पैरा एथलीट्स के लिए संभावनाओं के नए द्वार खुल रहे हैं। उनकी मेहनत, समर्पण, और संघर्ष की कहानी न केवल युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणादायक है, बल्कि देश के खेल जगत में भी एक नया अध्याय जोड़ती है। पेरिस पैरालंपिक में उनकी यह सफलता आने वाले दिनों में और भी ऊंचाइयों तक पहुंचने का संकेत है।
देश के लिए गौरव का क्षण
पेरिस पैरालंपिक 2024 में नित्या की यह उपलब्धि भारत के लिए एक गर्व का क्षण है। उनकी यह जीत न केवल उनके करियर की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, बल्कि देश के लिए भी एक बड़ा सम्मान है। नित्या श्री सिवन ने पेरिस पैरालंपिक में कांस्य पदक जीतकर भारत को एक बार फिर गौरवान्वित किया है। उनकी यह सफलता भविष्य में भारतीय पैरा बैडमिंटन के लिए नई संभावनाओं और अवसरों के दरवाजे खोल सकती है। इस जीत के साथ, नित्या ने साबित कर दिया है कि भारतीय खेल जगत में उनके लिए कोई भी चुनौती बड़ी नहीं है। आने वाले समय में उनसे और भी बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद की जा सकती है।
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