Paris Paralympics 2024: भारत ने पेरिस पैरालंपिक 2024 के 9वें दिन एक और गोल्ड मेडल के साथ अपनी झोली को भर लिया है। इस दिन की शुरुआत प्रवीण कुमार के हाई जंप में गोल्ड जीतने से हुई। भारत के पदक तालिका में एक और योगदान के रूप में होकाटो होतोजे सेमा ने मेंस शॉट पुट में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर देश का मान बढ़ाया। नागालैंड से ताल्लुक रखने वाले होकाटो की जीवन यात्रा बेहद प्रेरणादायक है, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए यह सफलता प्राप्त की है। भारत ने पेरिस पैरालंपिक में अब तक 27 पदक अपने नाम कर लिए हैं, जो कि एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। वर्तमान में भारत मेडल टैली में 14वें स्थान पर है। चीन ने 188 मेडल के साथ शीर्ष स्थान पर कब्जा जमाया है, जबकि ब्रिटेन 100 मेडल के साथ दूसरे स्थान पर है और अमेरिका तीसरे स्थान पर है।
होकाटो की प्रेरणादायक यात्रा
होकाटो होतोजे सेमा, भारतीय सेना के पूर्व जवान, ने महज 17 साल की उम्र में सेना जॉइन की थी। वे स्पेशल फोर्स का हिस्सा थे और उनकी ड्यूटी एलओसी पर थी। यहां एक लैंड माइन ब्लास्ट में उनके बायां पैर गंवाना पड़ा। इतनी बड़ी दुर्घटना के बाद भी, जब बहुत से लोग जीवन से हार मान लेते हैं, होकाटो ने साहस और आत्मबल से खुद को संजोया और शॉट पुट में अपना करियर बनाने का निर्णय लिया। अब, 40 साल की उम्र में, उन्होंने पैरालंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर यह साबित कर दिया कि मेहनत और दृढ़ संकल्प से असंभव कुछ भी नहीं है।
होकाटो का शानदार प्रदर्शन
पैरालंपिक में शानदार प्रदर्शन करते हुए, होकाटो ने मेंस शॉट पुट F57 कैटेगरी के फाइनल में अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। उन्होंने 14.65 मीटर का थ्रो किया, जो उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ भी है। इस श्रेणी में गोल्ड मेडल ईरान के याशिन खोसरवी ने 15.96 मीटर के थ्रो के साथ जीता, जबकि सिल्वर मेडल ब्राजील के थिआगो पॉलिनो ने 15.06 मीटर के थ्रो से प्राप्त किया।
Read more: Agni 4 Ballistic Missile: भारत की रक्षा शक्ति को मिला नया आयाम, अग्नि-4 मिसाइल का सफल परीक्षण
टीम इंडिया की उम्मीदें रंग लायी
पैरालंपिक की शुरुआत से पहले भारत के लिए 25 मेडल की उम्मीद जताई जा रही थी। एथलीटों ने शानदार प्रदर्शन किया और इस लक्ष्य को पूरा कर दिखाया। 10वें दिन, भारत के पास कुल दो मेडल इवेंट्स हैं। पहला इवेंट रात 12 बजे के बाद है, जो 10वें दिन के खाते में गिना जाएगा। इसमें मेंस रोड रेस सी में अरशद शेख और वूमेंस रोड रेस सी में ज्योजि गडेरिया परफॉर्म करेंगी। पेरिस पैरालंपिक 2024 ने भारत के लिए एक नई सफलता की गाथा लिखी है।
विशेषकर होकाटो होतोजे सेमा की कहानी, जिन्होंने अपनी शारीरिक चुनौतियों को पार कर एक अद्वितीय उपलब्धि हासिल की, वह प्रेरणा और आत्मबल की मिसाल है। भारत की मौजूदा मेडल संख्या और टैली में स्थिति यह दर्शाती है कि देश के एथलीटों ने अपनी क्षमताओं का पूरा उपयोग किया है। आने वाले दिनों में, भारत की प्रदर्शन की उम्मीदें और भी अधिक होंगी, और यह सुनिश्चित करेगा कि हमारे एथलीट विश्व मंच पर अपनी पहचान मजबूत करते रहें।