Paris Olympics: स्वप्निल कुसाले (Swapnil Kusale) ने पेरिस ओलंपिक 2024 (Paris Olympics) में भारत के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन इवेंट में स्वप्निल ने यह मेडल अपने नाम किया, जिसे “मैराथन ऑफ शूटिंग” के नाम से भी जाना जाता है। यह पेरिस ओलंपिक में भारत का तीसरा मेडल है, और तीनों ही मेडल शूटिंग में जीते गए हैं। भारत के लिए यह गर्व की बात है कि उसके शूटर ओलंपिक में लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। मनु भाकर, सरबजोत सिंह और अब स्वप्निल कुसाले ने दिखा दिया है कि भारतीय शूटिंग प्रतिभाएं किसी से कम नहीं हैं। यह सफलता भविष्य के लिए नई उम्मीदें और संभावनाएं जगाती है।
स्वप्निल से पहले मनु और सरबजोत ने भी जीता मेडल
स्वप्निल कुसाले से पहले मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने भी पेरिस गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीते थे। ओलंपिक इतिहास में स्वप्निल कुसाले मेडल जीतने वाले सातवें भारतीय शूटर बन गए हैं। मनु भाकर ओलंपिक में शूटिंग में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज बन गई हैं। इस ओलंपिक में भारत का यह पहला पदक है। 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में मेडल के लिए 8 महिला शूटर मैदान में थीं। मनु भाकर ने तीसरा स्थान हासिल कर पदक अपने नाम किया।
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50 मीटर राइफल 3 पोजीशन में शानदार प्रदर्शन
पेरिस ओलंपिक 2024 के छठे दिन भारत को स्वप्निल कुसाले के रूप में तीसरा मेडल मिला। स्वप्निल ने 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन में 451.4 पॉइंट के साथ ब्रॉन्ज मेडल जीता। यह इवेंट काफी कठिन माना जाता है और इसे “मैराथन ऑफ शूटिंग” भी कहा जाता है।
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क्वालिफिकेशन राउंड में भी किया शानदार प्रदर्शन
50 मीटर राइफल 3 पोजीशन शूटिंग के क्वालिफिकेशन राउंड बुधवार को खेले गए थे। स्वप्निल ने कुल 590 पॉइंट के साथ फाइनल में जगह बनाई थी। उन्होंने नीलिंग में 198, प्रोन में 197 और स्टैंडिंग में 195 पॉइंट स्कोर किया। इस प्रदर्शन के बाद सभी की नजरें फाइनल पर टिकी थीं।
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फाइनल में धैर्य और साहस का प्रदर्शन
फाइनल में स्वप्निल ने धैर्य और साहस का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। एक समय वे छठे स्थान पर खिसक गए थे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और धीरे-धीरे ऊपर की ओर बढ़ते गए। महाराष्ट्र के इस शूटर ने दबाव में भी अपने खेल को ऊपर उठाया और अंततः ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया।
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एमएस धोनी को मानते हैं आइडल
स्वप्निल कुसाले ने अपने आइडल एमएस धोनी से प्रेरणा लेते हुए फाइनल में कूल रहते हुए निशाने लगाए। फाइनल में एक समय ऐसा भी आया जब वे छठे नंबर पर थे, लेकिन उन्होंने धीरे-धीरे अपने स्कोर को बेहतर किया और अंततः तीसरे स्थान पर पहुंच गए। हालांकि, वे सिल्वर या गोल्ड मेडल जीतने से चूक गए, लेकिन उनके प्रयासों ने देश का मान बढ़ाया।
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चीन और यूक्रेन के शूटरों ने भी जीते मेडल
स्वप्निल कुसाले ने 451.4 पॉइंट के साथ ब्रॉन्ज मेडल जीता। चीन के लियु युकान ने 463.6 पॉइंट के साथ गोल्ड मेडल जीता, जबकि युद्ध की विभीषिका झेल रहे यूक्रेन के शूटर शेरी कुलिश ने 461.3 पॉइंट के साथ सिल्वर मेडल अपने नाम किया।
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भारतीय खेल इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर
स्वप्निल कुसाले की यह उपलब्धि भारतीय खेल इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह मेडल न केवल स्वप्निल की मेहनत और समर्पण का परिणाम है, बल्कि उन सभी को प्रेरणा देने वाला है जो अपने सपनों को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। स्वप्निल कुसाले की इस जीत से भारत में शूटिंग के खेल को नया प्रोत्साहन मिलेगा।
उनके साहस और धैर्य ने यह साबित कर दिया कि कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी सफलता हासिल की जा सकती है। पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत की इस शानदार उपलब्धि को सभी भारतीयों को गर्व से भर देने वाली है। अब, उम्मीद है कि भारतीय खिलाड़ी इस प्रेरणा को आगे भी बनाए रखेंगे और देश का नाम रोशन करते रहेंगे।
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