Panchkula News: पंचकूला के मोरनी हिल्स में एक बड़ा सड़क हादसा हुआ, जब छात्रों से भरी एक बस अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसा मोरनी हिल्स के टिक्कर ताल रोड पर थल गांव के पास हुआ। बस में सवार 45 छात्रों में से कई को चोटें आई हैं, जबकि ड्राइवर और क्लीनर की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। घायलों को तत्काल सेक्टर-6 अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।
तेज रफ्तार बनी हादसे की वजह
सूत्रों के अनुसार, बस चालक बस को काफी तेज रफ्तार में चला रहा था, जिसके कारण वह मोरनी से टिक्कर ताल के रास्ते पर बस से नियंत्रण खो बैठा। मोड़ पर बस अनियंत्रित हो गई और खाई में जा गिरी। हालांकि, सौभाग्य से सभी छात्र इस हादसे में सुरक्षित हैं और उन्हें मामूली चोटें आई हैं, लेकिन ड्राइवर और क्लीनर को गंभीर चोटें आई हैं। क्लीनर की दोनों टांगे फ्रैक्चर हो गई हैं और उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही है।
ननकाना साहिब स्कूल के छात्र थे सवार
इस बस में सवार सभी छात्र मलेरकोटला के ननकाना साहिब पब्लिक सीनियर सेकंडरी स्कूल के थे, जो मोरनी में पिकनिक मनाने के लिए आए थे। जब बस मोरनी से टिक्कर ताल के लिए रवाना हुई, तो ड्राइवर की तेज रफ्तार के कारण हादसा हुआ। स्थानीय लोगों, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर छात्रों को सुरक्षित बाहर निकाला और उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद सुरक्षित स्थान पर भेजा।
Read more: Bahraich Violence: मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद समेत 30 घरों पर गरजेगा बुलडोजर, मकान खाली करने लगे लोग
स्थानीय प्रशासन की तत्परता से बची कई जानें
हादसे के बाद, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। एसीपी आशीष कुमार ने मोरनी पीएचसी पहुंचकर घायल छात्रों का हालचाल जाना। डॉक्टर सागर जोशी, जो मोरनी के मेडिकल इंचार्ज हैं, ने बताया कि क्लीनर की हालत गंभीर है और उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही है। वहीं, ड्राइवर को भी गंभीर चोटें आई हैं। कई छात्रों को पंचकूला के नागरिक अस्पताल में चेकअप के लिए भेजा गया है। यह हादसा अप्रैल माह में महेंद्रगढ़ में हुई एक स्कूल बस दुर्घटना की याद दिलाता है, जब ईद के मौके पर एक बस हादसे का शिकार हुई थी।
हालांकि, इस बार भी प्रशासन की त्वरित कार्रवाई के चलते छात्रों की जान बच गई, लेकिन इस तरह के हादसे बार-बार तेज रफ्तार के कारण हो रहे हैं, जो चिंताजनक है। इस हादसे ने फिर से सड़क सुरक्षा और ड्राइवरों की लापरवाही के मुद्दे को उजागर कर दिया है। बसों में छात्रों की सुरक्षा के लिए कड़े नियम बनाए गए हैं, लेकिन उनका पालन न होने की वजह से इस तरह की घटनाएं लगातार हो रही हैं।