Pakistan News: भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले से एक बार फिर आतंक का कहर देखने को मिला है। गुरुवार को उत्तर-पश्चिमी कबायली इलाके में एक यात्री वैन पर हथियारबंद हमलावरों ने अंधाधुंध गोलियां चलाईं, जिसमें कम से कम 38 लोगों की जान चली गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हमला उस समय हुआ जब यात्री वैन पाराचिनार से काफिले के रूप में सफर कर रही थी। खैबर पख्तूनख्वा के मुख्य सचिव नदीम असलम चौधरी ने हमले की पुष्टि की। इस क्षेत्र में दशकों से शिया और सुन्नी समुदायों के बीच भूमि विवाद के कारण तनाव की स्थिति बनी हुई है। अफगानिस्तान सीमा से सटे इस इलाके में पहले भी इस तरह की हिंसक घटनाएं हो चुकी हैं।
अब तक किसी ने नहीं ली हमले की जिम्मेदारी
पराचिनार के एक स्थानीय निवासी जियारत हुसैन ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि हमले के वक्त दो काफिले सफर कर रहे थे। एक काफिला पेशावर से पराचिनार जा रहा था और दूसरा पराचिनार से पेशावर लौट रहा था। इस दौरान हथियारबंद हमलावरों ने वैन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। इस भीषण हमले की जिम्मेदारी अब तक किसी भी आतंकी संगठन ने नहीं ली है। हालांकि, पाकिस्तान के इस क्षेत्र में पहले से ही कट्टरपंथी समूहों और समुदायों के बीच हिंसक संघर्ष जारी है।
कल भी हुआ था आत्मघाती हमला
गुरुवार का हमला खैबर पख्तूनख्वा में जारी हिंसा की ताजा घटना है। इससे एक दिन पहले बुधवार को प्रांत के बन्नू जिले में एक संयुक्त चेक पोस्ट पर आत्मघाती हमला हुआ था। इस घटना में 12 सुरक्षाकर्मी मारे गए और छह हमलावर भी ढेर हो गए। मालीखेल इलाके में मंगलवार देर रात हुए इस हमले में आतंकियों ने विस्फोटकों से भरे वाहन को चेक पोस्ट में घुसाने की कोशिश की। जब वे नाकाम रहे, तो उन्होंने वाहन को चेक पोस्ट से टकरा दिया, जिससे भारी विस्फोट हुआ। इस धमाके में चेक पोस्ट की दीवार ढह गई और आसपास के ढांचों को भी नुकसान पहुंचा।
आतंकी संगठन हाफिज गुल बहादुर ने ली जिम्मेदारी
बन्नू हमले की जिम्मेदारी इस्लामी समूह हाफिज गुल बहादुर ने ली है। यह हमला उस समय हुआ, जब बलूचिस्तान में चल रहे विद्रोह को खत्म करने के लिए पाकिस्तान की संघीय समिति ने एक बड़े सैन्य अभियान को मंजूरी दी थी।
प्रधानमंत्री शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक
हमले के बाद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसमें संघीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने भाग लिया। इस बैठक में पाकिस्तान की सुरक्षा रणनीति पर चर्चा की गई। पाकिस्तान के विभिन्न प्रांतों में बढ़ती हिंसा और आतंकी हमले चिंता का विषय बने हुए हैं। पाकिस्तान के कबायली इलाके आतंक और संघर्ष के दलदल में फंसे नजर आते हैं।