बेतिया संवाददाता : विनोद कुमार
बेतिया : बारिश ना होने के कारण संकट में आ गए किसान धान की फसल को बचाने के लिए किसान पूरा ताकत झोंक दिए हैं। हालात इसी धान के खेतों में किसान दमकल और मोटरपंप चलाकर पानी भरते हैं। पानी वापस जमीन में फटा दरार में चला जाता है,। दूसरे दिन किसान का खेत फिर से सूखा मिलता है। उस पर बिजली कटौती किसान के लिए एक अलग ही समस्या बनी हुई है। किसान बिंदेश्वरी साह ने बताया कि इस वर्ष धान को लेकर चिंता सता रही है। बारिश कम होती तब भी एक बात थी, लेकिन हालत यह है की पानी बरस नहीं रहा है। अगर हमने अपने खेत में पानी भर भी लिया तो जमीन सुखा हि रहता है।
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फसल को हो रहा है नुकसान
किसान भोला राउत ने बताया कि, जमीन को पानी मिला ही कहां है। जैसे ही जमीन को पानी मिलता है वह तत्काल खेतो में पड़े दरार उसे अपने अंदर खींच लेती है। ऐसी हालत में जो उमस पैदा हो रही है वह फसल के लिए और ज्यादा नुकसान करने वाली है। एक तरफ तेज धूप पड़ रही है दूसरी तरफ खेतों में पानी भरा जा रहा है और वह पानी भी कुछ घंटे रह कर गायब हो जाता है। यह फसल की दृष्टि से बिल्कुल भी अनुकूल स्थिति नहीं है।
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किसान बारिश की लगाए है उम्मीद
कई लोगों ने तो सूखे खेतों में पानी भर कर मिट्टी को मचाया और धान लगा दी। और वही किसान शंकर शाह ने बताया कि कई दिनों से आसमान में बादल छा रहे हैं हम सब किसान बारिश होने आस लगाए हुए हैं लेकिन बादल आसमान में छाए रहने के बाद भी बारिश नहीं हो रही है जिससे हम सभी किसान बहुत चिंतित है बारिश नहीं होने के कारण हम लोगों के जेब पर भी भारी असर देखने को मिल सकता है। हम सब आसमान की तरफ देखकर घिरे बादलों को बार-बार देख रहे है और टकटकी लगा रहे हैं की आखिर वर्षा कब होगी।