Rajya Sabha News: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष आज अविश्वास प्रस्ताव लाया जिस पर 60 सांसदों ने हस्ताक्षर किए और सदन में उपराष्ट्रपति के खिलाफ सदन में अविश्वास प्रस्ताव को पेश किया।विपक्षी इंडिया गठबंधन के 60 सांसदों ने उपराष्ट्रपति के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किया जिसको विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा सचिवालय को सौंप दिया है।
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उपराष्ट्रपति के खिलाफ विपक्षी सांसद लाए अविश्वास प्रस्ताव
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने विपक्ष द्वारा उपराष्ट्रपति के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर एक्स पर लिखा,राज्यसभा के माननीय सभापति द्वारा अत्यंत पक्षपातपूर्ण तरीके से उच्च सदन की कार्यवाही का संचालन करने के कारण इंडिया ग्रुप के सभी घटक दलों के पास उनके खिलाफ औपचारिक रुप से अविश्वास प्रस्ताव लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।इंडिया की पार्टियों के लिए यह बेहद कष्टकारी निर्णय रहा है लेकिन संसदीय लोकतंत्र के हित में यह अभूतपूर्व कदम उठाना पड़ रहा है यह प्रस्ताव भी राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को सौंपा गया है।
राज्यसभा सचिवालय को विपक्षी सांसदो ने सौंपा नोटिस
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने संसद परिसर में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उपराष्ट्रपति के खिलाफ सदन में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बताया,60 सांसदों के हस्ताक्षर वाला एक नोटिस राज्यसभा सचिवालय को दिया गया है।बताया जा रहा है कि,उपराष्ट्रपति के उच्च सदन में रवैये को देखते हुए विपक्षी सांसदों ने अगस्त माह में ही सांसदों के आवश्यक हस्ताक्षर जुटा लिए थे लेकिन उनको मौका देने के लिए समय को बढ़ा दिया था लेकिन सोमवार को सदन में उनका व्यवहार देखकर विपक्षी सांसदों ने आगे बढ़ने का निर्णय लिया।
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समाजवादी पार्टी और टीएमसी सांसदों ने किया हस्ताक्षर
राज्यसभा के सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने वाले सांसदों में समाजवादी पार्टी और टीएसी सांसद भी शामिल हैं जो हालांकि कांग्रेस से दूरी बढ़ाते हुए दिखाई दे रहे लेकिन अविश्वास प्रस्ताव पर दोनों दलों के सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं।
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संविधान के अनुच्छेद 67 में दिया है प्रावधान
आपको बता दें कि,राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत कई विपक्षी सांसदों ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के ऊपर उच्च सदन में पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया था जिसके बाद इंडिया ब्लॉक के सांसदों ने एकमत होकर सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए।संविधान के अनुच्छेद 67 में उपराष्ट्रपति की नियुक्ति और उन्हें पद से हटाने के तमाम प्रावधान किए गए हैं।अनुच्छेद 67 (बी) में बताया गया है उपराष्ट्रपति को राज्यसभा के एक प्रस्ताव, जो सभी सदस्यों के बहुमत से पारित किया गया हो और लोकसभा द्वारा सहमति दी गई हो के जरिए उनके पद से हटाया जा सकता है।