Lucknow News: उत्तर प्रदेश में सिविल की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए यह सुनहरा अवसर है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ वाली सरकार लगातार सरकार की सिविल सेवा निशुल्क कोचिंग से लोगों में संस्कृत भाषा को लेकर रुझान बढ़ता जा रहा है। योगी सरकार ने संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए एक बडी पहल की है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में सिविल सेवा निशुल्क कोचिंग के लिए ऑनलाइन ऑवेदन की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है। इसके लिए आवेदन की आखिरी तारीख 31 अगस्त 2023 है। इसके लिए उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा व इंटरव्यू के दौर से गुजरना होगा। संस्थान के पांचवें सत्र के लिए आवेदन संस्थान की ऑफिशियल बेवसाइट www.upsanskritsansthananm.in या www.upsscivil.in पर जमा कर सकते है।
10 माह के लिए होता फ्री कोचिंग
बता दें कि उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान ने संस्कृत विषय से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए दिसंबर साल 2019 में निःशुल्क कोचिंग क्लास की शुरुआत की थी। जिसके अब तक कुल 4 सत्र पूरे हो चुके हैं। वहीं पांचवें सत्र की कक्षाएं अक्टूबर माह से शुरू की जाएंगी और ये पूरा सत्र 10 महीने का होता है। जिसको लेकर उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान ने आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है। निशुल्क कोचिंग कार्यक्रम के कॉर्डिनेटर डॉ शिलवंत सिंह ने बताया कि इस कोचिंग में अभ्यर्थियों को सामान्य अध्ययन के साथ संस्कृत की कक्षाएं होती है। इसके अलावा अभ्यर्थियों को हर माह 3000 रुपए स्कॉलरशिप के रूप में दिया जाता है।
सिविल सेवा में संस्कृत चुनने वालों अभ्यर्थी को सीधे मिलेगा प्रवेश
खासतौर पर सिविल सेवा के लिए संस्कृत की मांग बढ़ने लगी है। अक्टूबर माह में 5 वें सत्र शुरु होगा। जिसमें चयनित अभ्यार्थियों का प्रशिक्षण तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। इसमें व्याकरण , भाषाशास्त्र , दर्शन , महाकाव्य , नाट्यशास्त्र , संस्कृत और संस्कृत गद्य व पद्य आदि विषयों पर पढ़ाई कराई जाती है। प्रवेश परीक्षा में अभ्यर्थियों से सामान्य अध्ययन एवं सामान्य संस्कृत ज्ञान विषय पर आधारित वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाएंगे, जो 100 प्रश्न संस्कृत और हिंदी के होते हैं एवं 85 प्रश्न सामान्य अध्ययन और 15 प्रश्न संस्कृत के सामान्य ज्ञान, व्याकरण एवं साहित्य से संबंधित होंगे।
इसके अलावा ऐसे अभ्यर्थियों जिन्होंने वर्ष 2022-23 में संघ लोक सेवा आयोग एवं राज्य लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा में ऐच्छिक विषय के रूप में संस्कृत विषय को चुना हो, उन्हे सीधे प्रवेश दिया जाएगा। इनकी अधिकतम संख्या 13 अभ्यर्थियों की ही रहेगी। इतना ही नहीं सिविल सेवा निशुल्क कोचिंग के अभ्यर्थियों को तीन हजार छात्रवृत्ति भी दी जाती है। इसके लिए अभ्यर्थियों की क्लास में 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है।
निशुल्क कोचिंग पाकर सिविल सेवा में चयनित हुए अभ्यर्थी
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा संचालित सिविल सेवा निशुल्क कोचिंग एवं मार्गदर्शन योजना का लाभ उठाकर पिछले चार वर्षों में कई अभ्यर्थी राज्य के सिविल सेवा परीक्षा में 12 अभ्यर्थी उच्च स्थान प्राप्त करते हुए डिप्टी कलेक्टर से लेकर डिप्टी एसपी पद पर चयनित हुए है। इसके अलावा सबआर्डिनेट सर्विसेज में कुल 19 अभ्यर्थी चयनित हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस पहल से प्रदेश के युवा ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्य के युवा भी लाभ उठा रहे हैं। और सिविल सेवा की परीक्षा पास कर अपने सपनों को साकार कर रहे है।